कलकत्ता। पश्चिम बंगाल में करोड़ों की भर्ती घोटाले को लेकर सियासी हंगामा मचा हुआ है। मइस घोटाले के ऊपर कलकत्ता हाई कोर्ट का चाबुक चल रहा है। अभी तक हाई कोर्ट इस मामले में 4800 नियुक्तियां रद्द कर चुका है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को हाई कोर्ट से अपील की है। इसमें उन्होंने कहा कि कोर्ट अयोग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति रद्द न करे। इसके पीछे उन्होंने नियुक्तियां रद्द होने के बाद सामने आ रहे सुसाइड केसेज का रेफेरेंस बताया है।
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैं अपील करती हूं कि इस तरह से नियुक्तियों को रद्द न किया जाए। यह राजनीति नहीं है। आप मुझे, मेरी पार्टी या फिर मेरी सरकार को नापसंद कर सकते हैं। आप मुझे कोस सकते हैं, या मुझे पीट सकते हैं। मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी। लेकिन कृपया प्रदेश की छवि खराब मत कीजिए। युवाओं और छात्रों से उनके अधिकार न छीनिए। उन्होंने कहा कि आप मुझे थप्पड़ मार दीजिए, मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी। ममता ने नौकरी गंवाने के बाद दो लोगों द्वारा आत्महत्या करने की धमकी दिए जाने की बात भी कही।
गौरतलब है कि जब ये बातें ममता बनर्जी ने कहीं तब वह सिटी कोर्ट परिसर में श्री ऑरबिंदो की 150वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे याद है कि लेफ्ट के शासन काल में एक जज हुआ करते थे। नियुक्ति से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए उन्होंने कहा था कि अगर कुछ गलत हुआ तो उसमें सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने कभी भी नियुक्ति रद्द नहीं की। आज हर दिन नियुक्तियां रद्द की जा रही हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट अभी तक 4853 नियुक्तियां रद्द की जा चुकी हैं। इन सभी को अयोग्य होने के बावजूद गलत तरीके से विभिन्न सरकारी स्कूलों में टीचिंग और नॉन टीचिंग पदों पर नियुक्त किया गया था। यह मामला 2014 से 2021 के बीच का है। उम्मीदवारों ने घूस देकर अपना नंबर बढ़वाया था और मेरिट लिस्ट में जगह बनाई थी। इस लिस्ट में पूर्व राज्य मंत्री परेश अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी का शामिल बताया जाता है।