कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के शांतिनिकेतन स्थित सोनाझुरी हाट इलाके में होली खेलने पर रोक पर सवाल खड़े होने के बाद अब ममता बनर्जी की सरकार ने सफाई दी है। ममता बनर्जी की सरकार में वन और नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री बिर्भह हांसदा ने कहा है कि हमने शांतिनिकेतन में होली बैन नहीं की। हांसदा ने कहा कि हमने तो सिर्फ लोगों से आग्रह किया कि वे पर्यावरण की रक्षा करें। पश्चिम बंगाल की मंत्री ने कहा कि जब लोग रंग खेलते हैं, तो उसमें मौजूद रसायनों से पेड़-पौधों को नुकसान पहुंच सकता है। ममता बनर्जी की सरकार की मंत्री बिर्भह हांसदा ने कहा कि इस मामले पर सियासत कर रहे सभी लोगों से वो विनती करते हुए कह रही हैं कि हर जगह की स्थिति अलग होती है।
#WATCH | Kolkata, West Bengal | MoS Birbaha Hansda also says, “I don’t know (about the notice banning Holi). I got this information through the media. Still, I will look into it. We didn’t ban Holi but just made a request. I know nothing about the notice as of now…” https://t.co/IeAYUFS9P0 pic.twitter.com/xYsfqE317w
— ANI (@ANI) March 13, 2025
सोनाझुरी हाट इलाके में होली खेलने पर रोक लगाने संबंधी बयान पश्चिम बंगाल के वन विभाग की तरफ से आया था। वन विभाग के अफसर ने कहा था कि सोनाझुरी हाट में होली खेलने पर रोक के लिए उनका दफ्तर बीरभूम जिले के प्रशासन और पुलिस से भी मदद लेगा। यहां लोगों के वाहन आने पर भी रोक लगा दी गई थी। ममता सरकार में मंत्री बिर्भव हांसदा के सफाई वाले बयान से पहले पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता और राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने ये कहते हुए निशाना साधा था कि शांतिनिकेतन के सोनाझुरी हाट में होली खेलने पर इसलिए रोक लगी है, क्योंकि होली के दिन जुमा है। शुभेंदु अधिकारी ने किस तरह ममता बनर्जी की सरकार पर निशाना साधा था, ये आप खुद सुनिए।
West bengal: On West Bengal government has reportedly imposing a ban on Holi celebrations at Santiniketan’s Sonajhuri Haat, LoP in West Bengal Assembly Suvendu Adhikari says, “For the first time in 2025, a police meeting was held regarding Holi. The key issue is that another… pic.twitter.com/qV8kXgV8mu
— IANS (@ians_india) March 12, 2025
शांतिनिकेतन की होली बहुत प्रसिद्ध है। इसे स्थानीय भाषा में दोलजात्रा कहा जाता है। शांतिनिकेतन के पास स्थित सोनाझुरी हाट यूनेस्को की तरफ से विश्व धरोहर स्थलों की लिस्ट में शामिल है। सोनाझुरी हाट काफी प्रसिद्ध है। यहां स्थानीय लोगों की तरफ से छोटा मार्केट भी लगाया जाता है। इसे खोई मेला कहते हैं। बीते करीब 20 साल से सोनाझुरी हाट में खोई मेला हो रहा है। यहां से होकर खोई नदी बहती है। जिसके नाम पर ही खोई मेला नाम रखा गया है। सोनाझुरी हाट इलाके में साल, सागौन और नीलगिरि के पेड़ हैं। ये जगह शांतिनिकेतन से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर है। सोनाझुरी और खोई नदी पर रवींद्रनाथ टैगोर ने कई कविताएं और गीत भी लिखे थे।