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Mamata Banerjee: हड़ताली कर्मचारियों के मामले लोकतंत्र भूलीं ममता बनर्जी, हड़ताल पर जाने वालों को दे रही धमकी!

कोलकाता। आज और कल यानी मंगलवार को बैंक, बिजली और अन्य सरकारी कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल की है। ये हड़ताल कुछ बैंकों के निजीकरण के केंद्र सरकार के फैसले पर कर्मचारी संगठन कर रहे हैं। हड़ताल कर्मचारियों का जायज और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जताने का तरीका है। खास बात ये है कि कर्मचारियों ने भले ही बाकायदा एडवांस नोटिस देकर अपने इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया का इस्तेमाल किया, लेकिन लोकतंत्र की बात हमेशा कहने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) हड़ताली कर्मचारियों के मामले में लोकतंत्र को भूल गई हैं। ममता बनर्जी ने इस हड़ताल को कुचलने के लिए अपना ही तौर-तरीका इस्तेमाल किया है।

ममता के राज में वहां की सरकार ने आदेश निकाला है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी हड़ताल के दोनों दिन यानी आज और कल किसी तरह की छुट्टी नहीं ले सकता। अगर उसने छुट्टी ली, तो इस पर कार्रवाई करते हुए उसकी दो दिन की पगार काट ली जाएगी। ममता की सरकार ने ऐसी किसी भी छुट्टी को अवैध भी करार दिया है। यानी बात जब कर्मचारियों के लोकतंत्र की हो, तो ममता बनर्जी को ये नजर नहीं आता, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी पर वो लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थाओं को खत्म करने का आरोप लगातार लगाती रहती हैं।

मजे की बात ये है कि जब पश्चिम बंगाल में वामपंथी दलों की सरकार थी, तो उस दौरान ममता बनर्जी और कांग्रेस ने कई बार हड़ताल का आह्वान किया था, लेकिन वामपंथी दलों की सरकार ने कभी कर्मचारी विरोधी आदेश नहीं निकाला। जिस केंद्र सरकार के बैंक निजीकरण के खिलाफ अभी कर्मचारी हड़ताल पर गए हैं, उसने भी ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है, जिस तरह पश्चिम बंगाल की सरकार ने जारी किया है।

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