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TMC In Dock: नए विवाद में घिरी ममता की तृणमूल, समर्थक वकीलों ने हाईकोर्ट के जस्टिस से किया निंदनीय व्यवहार

calcutta high court and mamata banerjee

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नए विवाद में घिर गई है। वजह कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस राजशेखर मंथा से जुड़ा है। राजशेखर मंथा के कोर्ट के बाहर तृणमूल समर्थक वकीलों ने इकट्ठा होकर विरोध जताया था। यहां तक कि कोर्ट में किसी को घुसने तक नहीं दिया था। जस्टिस मंथा के घर के बाहर पोस्टर भी चिपकाए थे और कुछ मामलों में उनके आदेशों और फैसलों के खिलाफ आवाज उठाई थी। जस्टिस राजशेखर मंथा ने इस निंदनीय व्यवहार की जानकारी चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव को दी है। साथ ही उन्होंने इसे अदालत की अवमानना का गंभीर मसला भी बताया है।

बीते तीन दिन से तृणमूल समर्थक वकील लगातार जस्टिस मंथा के खिलाफ बहिष्कार आंदोलन चला रहे थे। इन वकीलों के आंदोलन से जस्टिस मंथा अब तक 500 मामलों की सुनवाई तक नहीं कर सके। इसके बाद उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट की सुरक्षा देखने वाले पुलिस इंस्पेक्टर को तलब किया। जस्टिस मंथा ने इंस्पेक्टर से सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा। जिसके बाद उनके कोर्ट रूम नंबर 13 के बाहर 10 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई। जस्टिस मंथा ने कलकत्ता बार एसोसिएशन के सचिव विश्वव्रत बसु मल्लिक को भी बुलाया था। उन्होंने साफ कहा कि देश के सबसे पुराने हाईकोर्ट में ये सब चीजें होना ठीक नहीं लगता। किसी भी जस्टिस के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए। ये आपको सुनिश्चित करना है।

इस मामले में खुद को घिरता देख टीएमसी की सरकार अब पूरे मामले पर दुख जता रही है। पश्चिम बंगाल के महाधिवक्ता एसएन मुखर्जी ने जस्टिस मंथा से कहा है कि जिन वकीलों ने ऐसा किया, उनसे बातचीत हो रही है। सरकार जानना चाहती है कि ऐसा क्यों हुआ। उन्होंने जस्टिस मंथा से कहा कि कोर्ट के बाहर कोई प्रदर्शन नहीं होगा। वहीं, केंद्र के प्रतिनिधि एडिशनल अटॉर्नी जनरल ने जस्टिस मंथा से कहा है कि अगर चीफ जस्टिस आदेश देंगे, तो अदालत से कोलकाता पुलिस को हटाकर केंद्रीय बलों को तैनात कर दिया जाएगा।

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