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ममता आज करेंगी सोनिया से मुलाकात, मोदी विरोधी गठबंधन के नेतृत्व पर बनेगी बात ?

Sonia-Mamata

नई दिल्ली। टीएमसी की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की आज दिल्ली में कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से अहम बैठक होने वाली है। यह बैठक पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष के गठबंधन के मायने में खास है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या विपक्ष के गठबंधन के नेतृत्व के मसले पर दोनों के बीच इस बैठक में बात बन जाएगी ? फिलहाल, विपक्ष के खेमों से आ रहे अलग-अलग बयान से लगता नहीं कि यह मसला आसानी से हल हो जाएगा।

यह सवाल इसलिए है क्योंकि कांग्रेस की ओर से ममता के नेतृत्व के विरोध में सुर पहले ही सुनाई देने लगे हैं। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य कह चुके हैं कि सभी विपक्षी दलों को आगे आना चाहिए और कांग्रेस के नेतृत्व में एकजुट होना चाहिए। वहीं, टीएमसी के पश्चिम बंगाल महासचिव कुणाल घोष ने प्रदीप के इस बयान पर कहा कि कोई भी इससे इनकार नहीं कर सकता कि ममता बनर्जी विपक्षी राजनीति के केंद्र के तौर पर उभरी हैं। अगर आप ममता के भाषण सुनेंगे, तो पता चलेगा कि वह बीजेपी विरोधी वोटों को एकजुट करना चाहती हैं।
सोनिया से बैठक से पहले ही प्रदीप और कुणाल के इन बयानों से साफ हो रहा है कि ममता के नेतृत्व को स्वीकार कर लेना कांग्रेस को पच नहीं रहा और टीएमसी ममता के नेतृत्व पर अड़ी हुई है। अब ममता और सोनिया की बैठक का नतीजा क्या निकलता है, यह शाम तक साफ होने की उम्मीद है।

ममता ने मंगलवार को दिल्ली में सोनिया, राहुल और प्रियंका यानी कांग्रेस आलाकमान के बहुत करीबी माने जाने वाले कमलनाथ से भी मुलाकात की थी। इसके अलावा उनकी मुलाकात कांग्रेस में राहुल के नेतृत्व को चुनौती देने वाले 23 नेताओं में से एक आनंद शर्मा से भी हुई थी। इनके अलावा कांग्रेस के नेता और मशहूर वकील अभिषेक मनु सिंघवी से भी ममता बनर्जी मिली थीं। हालांकि, इन मुलाकातों का नतीजा किसी को पता नहीं है।

बहरहाल, ममता को आज सोनिया के अलावा आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से भी मिलना है। इन सब मुलाकातों के दौरान और उससे पहले मंगलवार को शिवसेना की तरफ से भी नया सुर सुनाई दिया है। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने बयान दिया है कि विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए पार्टी प्रमुख और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे भी सही चेहरा हैं।
ऐसे में फिलहाल मोदी विरोधी एकता की खिचड़ी की हांडी चढ़ी तो है, लेकिन खिचड़ी पकेगी या कच्ची ही रह जाएगी यह अगले कुछ दिन में साफ होने के आसार हैं।

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