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अपने उटपटांग बयानों से कांग्रेस का नुकसान करवाने के लिए कुख्यात मणिशंकर अय्यर अब कुछ बोलने को तैयार नही, वजह जानिए

नई दिल्ली। काफी दिन से बयानवीर नेताओं में अव्वल नंबर पर रहने वाले मणिशंकर अय्यर मीडिया के सामने नहीं आए हैं। आम तौर पर चुनावों से पहले उनके विवादित बयान आ ही जाते थे, लेकिन अब जबकि 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, तो मणिशंकर अय्यर की चुप्पी की चर्चा हो रही है। पिछले दिनों इसी वजह से वो ट्विटर पर ट्रेंड भी हुए थे। इस बारे में हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ ने मणिशंकर अय्यर से सवाल पूछा। इस पर अय्यर ने कहा कि मीडिया ने उनका इतना नुकसान कर दिया है, कि वो अब उसका शिकार बनने के लिए तैयार नहीं हैं।

अखबार से मणिशंकर अय्यर ने कहा, ‘पॉलिटिकल इश्यू हजार हो सकते हैं। क्या मेरे से यूक्रेन के बारे में पूछना चाहते हो। अगर आप मेरे मुंह से कोई ऐसे शब्द निकलवाना चाहते हैं, जो गांधी परिवार की आलोचना हो, तब कुछ कहने को तैयार नहीं हूं। आप जानते हो कि मैं मीडिया का शिकार बन गया हूं। मुझे मीडिया के कारण बहुत घाटा हुआ है। मैं कोई कमेंट नहीं करना चाहता। शायद मेरा नुकसान होगा। मैं तैयार नहीं हूं। चाय वाला या नीच जैसे मसले पर बात नहीं करना चाहता। मैं तैयार नहीं हूं आपका शिकार बनने को।’


बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले मणिशंकर अय्यर ने उस वक्त बीजेपी के पीएम उम्मीदवार रहे नरेंद्र मोदी को चायवाला कहा था। अय्यर ने उस वक्त ये दावा भी किया था कि एक चायवाला कभी देश का पीएम नहीं बन सकता और मोदी को कांग्रेस के मुख्यालय के बाहर चाय बेचने की जगह देने की बात कही थी। अय्यर के इस बयान ने इतना तूल पकड़ा था कि कांग्रेस को नुकसान हो गया और बीजेपी की सरकार बन गई। यही हाल 2017 में हुआ, जब अय्यर ने गुजरात विधानसभा चुनाव के वक्त मोदी को नीच कह दिया। नतीजे में कांग्रेस एक बार फिर गुजरात का चुनाव हार गई थी। अब लगता है कि इसी वजह से कांग्रेस आलाकमान ने अपने इस बड़बोले नेता को चुप रहने के लिए कह दिया है, ताकि नुकसान हो तो कम ही हो।

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