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Manipur: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के खिलाफ मणिपुर सरकार ने दर्ज कराई FIR, लगाया ये गंभीर आरोप

नई दिल्ली। जिस खबर के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, उससे वाकिफ होने के बाद आप अपना माथा पकड़ने के बाद यही कहेंगे कि मतलब कुछ भी। जी हां… अब क्या करें…खबर ही ऐसी है। दरअसल, हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर पिछले एक या दो महीने से नहीं, बल्कि तीन महीनों से हिंसा की आग में झुलस रहा है। वहीं, मौत के आंकड़े तो आप पूछिए ही मत। बस इतना समझ लीजिए कि अभी-भी वहां लोगों की सुबह की शुरुआत गोलियों की आवाज से ही होती है और रात को तो बस लोग इस दुआ के साथ सोते हैं कि प्रभु मेहरबानी करके कल का सूरज दिखा देना। वहीं बीते दिनों अति ही हो गई, जब दो महिलाओं को नग्न कर कुछ पुरुषों ने उनसे परेड कराई।

इस कुकृत्य ने पूरे देश की थू-थू करा दी। जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपना आक्रोश जाहिर कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही। हालांकि, बाद में मामले में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया गया है। बहरहाल, अभी पुलिस इस पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई कर रही है। अब पुलिस-प्रशासन क्या कुछ कार्रवाई करेगी। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि राज्य में जारी हिंसा के बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एडिटर गिल्ड में शामिल सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि आखिर सीएम बीरेन सिंह ने यह कदम क्यों उठाया?

दरअसल, सीएम एन बीरेन सिंह ने एडिटर गिल्ड में शामिल सदस्यों पर राज्य में हिंसा फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों ने मामले को बढ़ाचढ़ा कर दिखाया। जिससे राज्य में इस तेजी से फैली कि उस पर अंकुश लगाना भी चुनौतीपूर्ण हो गया। उधर, सीएम बीरेन अपने इस कदम के बाद खुद ही सवालों के घेरे में आ चुके हैं। दरअसल, उन पर सवाल उठ रहे हैं कि जब राज्य की कमान ही उनके पास है, तो कानून-व्यवस्था को दुरूस्त करने की जिम्मेदारी किस पर है…एडिटर गिल्ट पर या एन बीरेन सिंह? ऐसे में बीरेन सिंह द्वारा एडिटर गिल्ड पर बीरेन सिंह द्वारा दर्ज कराई गई यह प्राथमिकी समझ से परे। हालांकि, अभी सीएम बीरेन सिंह के इस कदम पर अभी तक कोई सियासी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अब ऐसे में आगामी दिनों में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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