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Haryana: हरियाणा में बनी रहेगी मनोहर लाल खट्टर सरकार, जीता विश्वास मत, कांग्रेस के लोगों ने ही कर दिया खेल

Manohar Lal Dushyant Chautala

नई दिल्ली। हरियाणा में मनोहर लाख खट्टर सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। लेकिन कांग्रेस को उनके ही लोगों ने झटका दे दिया। इसी का नतीजा रहा कि अविश्वास प्रस्ताव के वोटिंग के बाद मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने विश्वास मत जीत लिया। हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर कराए गए वोटिंग के पक्ष में 32 सदस्यों ने वोट डाले। जबकि मनोहर लाल खट्टर की सरकार के पक्ष में 55 वोट पड़े। इसके बाद विधानसभ अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने मनोहर लाल खट्टर सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

अविश्वास प्रस्ताव पर हरियाणा विधानसभा में बहस के दौरान ही कांग्रेस को लग गया था कि उनका यह प्रस्ताव गिर जाएगा। मनोहर लाल खट्टर ने दावा किया था कि उनकी सरकार को किसी तरह का खतरा नहीं है। जबकि कांग्रेस के नेता इस बात को विधानसभा में दोहरा रहे थे कि मनोहर लाल खट्टर सरकार ने प्रदेश में लोगों का विश्वास खो दिया है ऐसे में इस सरकार को जाना होगा। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद मनोहर लाल खट्टर की सरकार को कई नुकसान नहीं हुआ।

केंद्र के कृषि कानूनों को ढाल बनाकर कांग्रेस हरियाणा विधानसभा में यह अविश्वास प्रस्ताव सरकार के खिलाफ लेकर आई थी। लेकिन अब किसान आंदोलन के नेताओं और इसको समर्थन देनेवाली पार्टियों को भी समझना होगा कि कृषि कानूनों को लेकर सरकार के खिलाफ फैलाए गए भ्रमजाल से अब लोग आजाद हो रहे हैं।

अब इस पूरे अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के नतीजे से पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव का गणित समझ लेना जरूरी है। हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में सदस्यों की कुल संख्या 88 है, जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा के 40 सदस्य हैं वहीं उसकी गठबंधन सहयोगी जजपा के दस और कांग्रेस के 30 सदस्य हैं। इसके साथ ही विधानसभा में सात निर्दलीय विधायक भी हैं और एक सदस्य हरियाणा लोकहित पार्टी का भी सदस्य है, जिसने सरकार को अपना समर्थन दिया हुआ है। अविश्वास प्रस्ताव पर निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने सरकार के समर्थन में वोटिंग की और कांग्रेस की जमकर आलोचना की।

अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस पर बरसते हुए मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अविश्वास कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है, अगर कोई बात पसंद न आए तो अविश्वास पैदा कर दीजिए। कांग्रेस संगठन के अंदर भी अविश्वास देखने को मिलता है…अविश्वास की कार्यशैली कांग्रेस को लाभ नहीं देने वाली, विश्वास ही लाभ देगा।

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