भागलपुर। बिहार के भागलपुर में गुरुवार रात को एक के बाद एक कई धमाके हुए। इससे पूरे शहर में सनसनी फैल गई। धमाके इतने तेज थे कि शहर में सुनाई दिए। धमाकों से तीन मकानों को नुकसान पहुंचा है और कई लोगों की मौत होने की खबर है। पुलिस के मुताबिक घटना में घायलों की संख्या 12 है और इनमें से कई की हालत गंभीर है। भागलपुर रेंज के डीआईजी सुजीत कुमार के मुताबिक प्राथमिक तौर पर पटाखा, देसी बम और बारूद बनाने के काम की वजह से ऐसा हुआ है। फिलहाल और जानकारी फॉरेंसिक जांच से सामने आने की उम्मीद है। धमाका कोतवाली थाने से महज 100 मीटर दूर बने मकान में हुआ। तीन मंजिल का मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गया। पड़ोसी के दो मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। जानकारी मिलने पर डीएम सुब्रत कुमार सेन, डीआईजी और पुलिस बल मौके पर पहुंचा। बताया जा रहा है कि ये मकान नवीन आतिशबाज का है। काजीचक इलाके में बने इस घर में दो बार धमाके हो चुके हैं। साल 2002 में धमाके में 4 लोगों की मौत हुई थी। जबकि, 4 साल पहले धमाके में कुछ लोग घायल भी हुए थे। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि फिर यहां बारूद का कारोबार करने की छूट प्रशासन ने कैसे दे दी।
पुलिस ने घटनास्थल की घेराबंदी की और दो जेसीबी से मलबा साफ कराना शुरू किया। मलबे में दबे लोगों को निकाला गया। पुलिस का कहना है कि फिलहाल 4 लोगों की मौत की खबर है। घायलों को भागलपुर के ही जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में दाखिल कराया गया है। पड़ोस में रहने वाले लोगों का आरोप है कि मकान में बम बनाए जा रहे थे। धमाके इतने जोरदार थे कि इसकी आवाज से विक्रमशिला कॉलोनी, रकाबगंज, उर्दू बाजार, रामसर, जब्बारचक, इशाकचक, लालूचक और आदमपुर में भी मकान हिल गए। लोगों को लगा कि भूकंप आ गया है। इससे दहशत फैल गई।
भागलपुर के डीएम के निर्देश पर घायलों के उपचार के लिए डॉक्टरों की टीम बनाई गई है। पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई कर रही है। इस मामले में पटना में सरकार की तरफ से भी सख्त कार्रवाई के निर्देश मिले हैं। बताया जा रहा है कि 2 लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है। हालांकि, पुलिस या प्रशासन ने अब तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।