नई दिल्ली। विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को चुनाव में बड़े अंतर से हराकर द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति चुनी गई हैं। द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति पद पर चुने जाने के साथ ही तमाम रिकॉर्ड भी कायम हुए हैं। सबसे कम उम्र यानी महज 64 साल में वो देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं। देश की आजादी के 75वें साल में जल, जंगल और जमीन की बात करने वाले आदिवासियों का वो सबसे बड़े पद पर प्रतिनिधित्व कर रही हैं। द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के रायरंगपुर गांव में हुआ था। वो देश की पहली ऐसी राष्ट्रपति हैं, जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ।
ओडिशा राज्य से राष्ट्रपति बनने वाली वो पहली शख्सियत हैं। इससे पहले राष्ट्रपति रहे वीवी गिरी का जन्म अब ओडिशा में शामिल बहरामपुर में हुआ था, लेकिन उस वक्त वो मद्रास प्रेसीडेंसी का हिस्सा था। वीवी गिरी तेलुगू भाषी थे और उनकी सियासी कर्मभूमि भी आंध्र प्रदेश थी। द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति भी बन गई हैं। इससे पहले साल 2007 में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल पहली महिला राष्ट्रपति चुनी गई थीं।
द्रौपदी मुर्मू के साथ ये भी रिकॉर्ड है कि वो सरकारी नौकरी भी कर चुकी हैं। राजनीति में आने से पहले वो ओडिशा सरकार के एक विभाग में क्लर्क रहीं। इसके अलावा एक स्कूल में अवैतनिक तौर पर उन्होंने पढ़ाया भी। मुर्मू को ओडिशा में एनडीए की सरकार के दौरान मंत्री बनाया गया था। बाद में वो झारखंड की पहली महिला गवर्नर भी बनीं। द्रौपदी मुर्मू के परिवार में एक बेटी है। उनके दो बेटों और एक बेटी का निधन हो चुका है। पति भी नहीं हैं। द्रौपदी मुर्मू ने पति और बेटों की याद में अपने ससुराल वाले घर को स्कूल बनवा दिया है।