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Jhansi Medical College Fire Incident: चश्मदीद के मुताबिक नर्स ने तीली जलाकर ऑक्सीजन पाइप लगाने की कोशिश की और झांसी मेडिकल कॉलेज में भड़की आग, 10 बच्चों की हुई है मौत

झांसी। यूपी के झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में शुक्रवार की रात अचानक आग लगने से 10 बच्चों की जलकर मौत हुई। वहीं, 16 बच्चे गंभीर रूप से झुलसे हैं। इस मामले में अब बड़ा खुलासा हुआ है। न्यूज चैनल आजतक के मुताबिक ऑक्सीजन की पाइप में माचिस की जलती तीली से आग लगी और फिर तेजी से भड़की। न्यूज चैनल के मुताबिक इस अग्निकांड के एक चश्मदीद भगवान दास हैं। उन्होंने बताया कि एनआईसीयू में ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए नर्स ने माचिस की तीली जलाई। तीली जलते ही आग भड़क उठी। भगवान दास ने बताया कि उन्होंने 3-4 बच्चों को अपने कपड़े में लपेटकर बचाया।

झांसी मेडिकल कॉलेज में आग इतनी तेज लगी थी कि बच्चों को बचाने के लिए खिड़कियां और दरवाजे तोड़ने पड़े थे। झांसी मेडिकल कॉलेज में इस साल फरवरी में ही फायर सेफ्टी ऑडिट किया गया था और फिर आग से बचाव की तैयारी देखने के लिए जून में मॉक ड्रिल भी हुई थी। यूपी सरकार ने झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड की 24 घंटे में जांच रिपोर्ट मांगी है। एक जांच स्वास्थ्य विभाग करेगा। दूसरी जांच पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी गई है। जबकि, तीसरी जांच मजिस्ट्रेट से कराए जाने के लिए कहा गया है। अब नर्स की तरफ से लापरवाही की बात सामने आने के बाद जांच में उसकी भूमिका भी तय कर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड मामले में मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख का मुआवजा भी यूपी सरकार देगी। झुलसे बच्चों के परिजनों में प्रत्येक को 50000 रुपए देने का एलान भी किया गया है। वहीं, पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों के लिए 50-50 हजार के मुआवजे का एलान किया है। यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य विभाग देखने वाले ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा घटना की जानकारी मिलते ही झांसी पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताया है। झांसी में हुई दर्दनाक घटना के बाद बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। एक महिला का कहना है कि उसका पहला ही बच्चा था, जो अग्निकांड में अपनी जान गंवा बैठा।

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