नई दिल्ली। आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होगा, जिसमें शामिल होने के लिए राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से सभी गणमान्यों को न्योता भेजा जा चुका है। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट के उन पांच जजों को भी न्योता भेजा गया था, जिन्होंने साल 2019 में मंदिर पक्ष में फैसला सुनाया था, जिस पर आपत्ति जताकर बाद में मुस्लिम पक्ष ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने अपने पूर्व के फैसले को सही बताते हुए इन याचिकाओं को सिरे से खारिज कर दिया था। हालांकि, मुस्लिम पक्ष को पहले ही मस्जिद निर्माण के लिए भूमि आवंटित की जा चुकी है। बहरहाल, लंबे इंतजार के बाद इस विवाद का निपटारा हो चुका है।
वहीं, अब राम मंदिर उद्गाटन आगामी सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने जा रहा है। इस खास मौके पर अयोध्या को अभेद्द किले में तब्दील कर दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। हर गतिविधियों को सीसीटीवी कैमरे में कैद किया जा रहा है, ताकि कोई अप्रिय गतिविधि ना घटे। हालांकि, बिहार के अररिया जिले में मोहम्मद इंतखाब नामक शख्स ने राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दी थी, लेकिन पुलिस ने उसे महज 6 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब उसे अदालत में पेश किया जाएगा, जहां से उसे हिरासत में भी भेजा जा सकता है। इंतखाब खुद को छोटा सकील का दाहिना हाथ भी बताता है।
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले विधि-विधान के अनरूप 15 दिनों का अनुष्ठान रखा है, जिसकी शुरुआत उन्होंने महाराष्ट्र के नासिक के कालेराम मंदिर से की। फिलहाल पीएम मोदी देशभर के मंदिरों का दौरा कर रहे हैं। पूरा देश इस समय में राममय है। इस खास मौके पर सभी शिक्षण संस्थानों में अवकास घोषित कर दिया गया था, ताकि लोग इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के जीवंत साक्षी बन सकें।
जानिए क्या है एडवाइजरी में ?
1. आधारहीन खबरों से बचे
एडवाइजरी में स्पष्ट कह दिया गया है कि जब तक किसी अखबार के पास कोई खबर को लेकर पुख्ता जानकारी ना हो, तो उसे प्रकाशित करने से गुरेज ही करें, क्योंकि इससे धार्मिक सौहार्द बिगड़ सकता है। सामाजिक समरसता पर आंच जा सकती है। लिहाजा अखबार के संपादकों से आग्रह है कि वे बेबुनियादी खबरों से बचें।
2. सौहार्दपूर्ण भाषा का करें इस्तेमाल
इसके साथ ही एडवाइजरी में अखबार से किसी घटना को समाचार का रूप देने से पूर्व साौहार्दपूर्ण भाषा का इस्तेमाल किए जाने की अपील की गई है। अखबारों से स्पष्ट कह दिया गया है कि वो ऐसी भाषा का उपयोग ना करें, जिसे पढ़ने के बाद किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे।
3. राष्ट्रीय़ महत्व को ध्यान में ऱखें
अखबारों से कहा गया है कि वो राम मंदिर कवरेज के दौरान राष्ट्रीय महत्व को विशेष महत्व दें। किसी भी घटना को कवरेज करते समय ऐसा ना लगे कि राष्ट्रीय भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है।
4. भड़काऊ शब्दाबली के उपयोग से परहेज करें
इसके साथ ही राम मंदिर घटना की कवरेज के दौरान मीडिया से अपील की गई है कि वो किसी भी प्रकार की भड़काऊ शब्दाबली का उपयोग ना करें। ध्यान दें, यह एडवाइडरी ऐसे वक्त में जारी की गई है, जब मीडिया राम मंदिर का व्यापक स्तर पर कवरेज किया जा रहा है ।