नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 23 अगस्त को को नेशनल स्पेस डे के रूप में मनाए जाने का ऐलान किया है। इसी दिन इसरो वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रचा था। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसका ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर चंद्रयान-3 की हुई सफल लैंडिंग को लेकर पूरा देश इसरो वैज्ञानिकों को बधाई दे रहा है। यह हमारे वैज्ञानिकों के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि है। आज तक कोई भी देश दक्षिण ध्रुव पर नहीं पहुंचा है, लेकिन भारत ऐसा कारनामा करने वाला दुनिया का पहला देश बना है। प्रेस कांफ्रेंस में अनुराग ठाकुर ने कहा कि, ‘पूरे देश के साथ-साथ चंद्रयान-3 की सफलता के लिए कैबिनेट भी इसका स्वागत करता है। उन्होंने आगे कहा कि, ‘कैबिनेट ने चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चंद्रमा की जिस जगह पर उतरा उसका नाम शिव-शक्ति रखने को भी मंजूरी दी है।
#WATCH | Delhi: “The Whole country is celebrating the success of Chandrayaan-3, cabinet appreciates this historic achievement of Indian scientists…”, says Union Minister Anurag Thakur during Union cabinet briefing pic.twitter.com/leOxCYQdLa
— ANI (@ANI) August 29, 2023
केंद्रीय मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, ‘चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न पूरा देश मना रहा है। कैबिनेट ने भारतीय वैज्ञानिकों की इस ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना की’। उन्होंने विश्वास जताया कि, ‘आगामी दिनों में हमारे देश के वैज्ञानिक इससे भी बड़े कीर्तिमान स्थापित करेंगे। इसके अलावा उन्होंने केंद्र द्वारा एलपीजी सिलेंडर की कीमत में कटौती किए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से महंगाई की मार झेल रहे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी’। बता दें कि बीते दिनों इसरो वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सफल लैंडिंग की थी। भारत यह कीर्तिमान स्थापित करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।
हालांकि, इससे पहले रूस ने अपने लूना मिशन को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर भेजा था, लेकिन किसी तकनीकी खामी की वजह से रूस का यह मिशन विफल हो गया था। अगर लूना मिशन सफल होता, तो रूस चंद्रमा के साउथ पॉल पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाता है, लेकिन कुदरत ने यह सफलता भारत के नाम लिखी थी। ध्यान दें, चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के दौरान पीएम मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने साउथ अफ्रीका पहुंचे थे। वहां से भी पीएम मोदी इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने थे।