नई दिल्ली। वक्फ बोर्ड बीते काफी समय से सवालों के घेरे में है। इसकी वजह संपत्तियों पर उसका दावा है। आए दिन देश में कहीं न कहीं से खबर आती है कि किसी राज्य के वक्फ बोर्ड ने जमीन पर दावा कर दिया और उससे विवाद पैदा हो गया। अब मोदी सरकार ने संसद में बताया है कि वक्फ बोर्डों के कितने जमीन के दावे विवादित हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने सीपीएम सांसद जॉन ब्रिटास के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि देशभर में 994 संपत्तियों पर वक्फ बोर्डों के दावे पर विवाद है। इन सभी संपत्तियों के मालिकों का कहना है कि वक्फ बोर्डों ने अवैध तौर पर इन पर कब्जा किया है।
किरेन रिजिजू ने बताया कि तमिलनाडु वक्फ बोर्ड पर सबसे ज्यादा अवैध जमीन कब्जे का आरोप है। तमिलनाडु के वक्फ बोर्ड पर आरोप है कि उसने 734 संपत्तियों पर अवैध कब्जा किया है। इसके बाद नंबर 2 पर आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड है। आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड पर 152 संपत्तियों के अवैध कब्जे का आरोप है। तीसरे नंबर पर 63 संपत्तियों के साथ पंजाब वक्फ बोर्ड, चौथे नंबर पर 11 विवादित संपत्तियों के साथ उत्तराखंड वक्फ बोर्ड और पांचवें नंबर पर 10 विवादित संपत्तियों के साथ जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड है। वक्फ बोर्डों के पास कुल 872352 अचल और 16713 चल संपत्तियां हैं। वहीं, मोदी सरकार के शहरी मामलों के मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया है कि 2019 के बाद से केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड को कोई संपत्ति नहीं दी है। केंद्र सरकार ने संसद को ये भी बताया है कि राज्यों ने वक्फ बोर्डों को दी गई जमीन का कोई आंकड़ा नहीं बताया है।
बता दें कि वक्फ बोर्डों की तरफ से संपत्तियों पर किए जा रहे विवादित दावों की तमाम घटनाओं के बाद मोदी सरकार संसद में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लाई है। इस बिल पर संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी में चर्चा हो रही है। बीते दिनों ही खबर थी कि महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड ने लातूर में किसानों की 300 एकड़ जमीन अपनी बता दी। इससे पहले बिहार में भी एक गांव को वक्फ बोर्ड ने अपना बताया था। जबकि, तमिलनाडु के एक गांव पर ही वक्फ बोर्ड ने दावा कर दिया। जबकि, वहां 1400 साल पुराना मंदिर भी है। इसी तरह के जमीन संबंधी विवाद देश के कई और राज्यों में वक्फ बोर्डों पर लगे हैं।