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Modi in Bangladesh : भारत और बांग्लादेश कोरोना का मजबूती से मुकाबला कर रहे हैं: PM मोदी

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नई दिल्ली। बांग्लादेश के दो दिवसीय यात्रा पर गए पीएम मोदी आज ओराकांडी के मतुआ समुदाय के मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने मंदिर में पूजा अर्चना की। बता दें कि ओराकांडी वो जगह है जहां मतुआ समुदाय के संस्थापक हरिशचंद्र ठाकुर का जन्म स्थान है। यहां उन्होंने कहा कि, “आज श्री श्री हॉरिचान्द ठाकुर जी की कृपा से मुझे ओराकान्डी ठाकुरबाड़ी की इस पुण्यभूमि को प्रणाम करने का सौभाग्य मिला है। मैं श्री श्री हॉरिचान्द ठाकुर जी, श्री श्री गुरुचान्द ठाकुर जी के चरणों में शीश झुकाकर नमन करता हूँ।” पीएम मोदी ने कहा कि, किसने सोचा था कि भारत का प्रधानमंत्री कभी ओराकान्दी आएगा। मैं आज वैसा ही महसूस कर रहा हूं, जो भारत में रहने वाले ‘मॉतुवा शॉम्प्रोदाई’ के मेरे हजारों-लाखों भाई-बहन ओराकान्दी आकर महसूस करते हैं।

उन्होंने कहा कि, पश्चिम बंगाल में ठाकुरनगर में जब मैं गया था, तो वहाँ मेरे मॉतुवा भाइयों-बहनों ने मुझे परिवार के सदस्य की तरह प्यार दिया था। विशेष तौर पर ‘बॉरो-माँ’ का अपनत्व, माँ की तरह उनका आशीर्वाद, मेरे जीवन के अनमोल पल रहे हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि, पश्चिम बंगाल में ठाकुरनगर में जब मैं गया था, तो वहाँ मेरे मॉतुवा भाइयों-बहनों ने मुझे परिवार के सदस्य की तरह प्यार दिया था। विशेष तौर पर ‘बॉरो-माँ’ का अपनत्व, माँ की तरह उनका आशीर्वाद, मेरे जीवन के अनमोल पल रहे हैं।

पीएम मोदी अपडेट-

मुझे विश्वास है श्री श्री हॉरिचान्द देव जी के आशीर्वाद से, श्री श्री गुरुचॉन्द जी की प्रेरणा से हम दोनों देश 21वीं सदी के इस महत्वपूर्ण कालखंड में अपने इन साझा लक्ष्यों को हासिल करेंगे। भारत और बांग्लादेश प्रगति और प्रेम के पथ पर दुनिया का पथ प्रदर्शन करते रहेंगे।

भारत के मेरे भाई-बहनों के लिए ये तीर्थ यात्रा और आसान बने, इसके लिए भारत सरकार की तरफ से प्रयास और बढ़ाए जाएंगे। ठाकूरनगर में मौतुवा संप्रदाय के गौरवशाली इतिहास को प्रतिबिंबित करते भव्य आयोजनों और विभिन्न कार्यों के लिए भी हम संकल्पबद्ध हैं।

गुलामी के उस दौर में भी श्री श्री हॉरिचान्द ठाकुर जी ने समाज को ये बताया कि हमारी वास्तविक प्रगति का रास्ता क्या है। आज भारत हो या बांग्लादेश सामाजिक एकजुटता, समसरता के उन्हीं मंत्रों से विकास के नए आयाम छू रहे हैं।

श्री श्री हॉरिचान्द देव जी की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने में, दलित-पीड़ित समाज को एक करने में बहुत बड़ी भूमिका उनके उत्तराधिकारी श्री श्री गुरुचॉन्द ठाकुर जी की भी है। श्री श्री गुरुचॉन्द जी ने हमें ‘भक्ति, क्रिया और ज्ञान’ का सूत्र दिया था।

भारत और बांग्लादेश दोनों ही देश अपने विकास से, अपनी प्रगति से पूरे विश्व की प्रगति देखना चाहते हैं। दोनों ही देश दुनिया में अस्थिरता, आतंक और अशांति की जगह स्थिरता, प्रेम और शांति चाहते हैं। यही मूल्य, यही शिक्षा श्री श्री हॉरिचान्द देव जी ने हमें दी थी।

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