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Uddhav Vs Eknath: उद्धव ठाकरे के लिए बजी खतरे की घंटी, मुंबई पुलिस सूत्रों के मुताबिक एकनाथ शिंदे की दशहरा रैली में थे दोगुने समर्थक!

उद्धव गुट की दशहरा रैली शिवसेना के पारंपरिक स्थल शिवाजी पार्क में हुई। वहीं, एकनाथ शिंदे गुट की दशहरा रैली बीकेसी मैदान में थी। अब ऐसी खबर आ रही है, जो उद्धव ठाकरे के माथे पर चिंता की लकीरें और बढ़ा सकती है। हिंदी न्यूज चैनल ‘आजतक’ ने पुलिस सूत्रों का हवाला देते हुए बताया है कि शिंदे की रैली में ज्यादा लोग शामिल हुए थे।

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मुंबई। महाराष्ट्र में बुधवार को शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट ने अलग-अलग दशहरा रैली की। उद्धव गुट की दशहरा रैली शिवसेना के पारंपरिक स्थल शिवाजी पार्क में हुई। वहीं, एकनाथ शिंदे गुट की दशहरा रैली बीकेसी मैदान में थी। दोनों ही जगह समर्थकों की भारी भीड़ जुटी थी, लेकिन अब ऐसी खबर आ रही है, जो उद्धव ठाकरे के माथे पर चिंता की लकीरें और बढ़ा सकती है। हिंदी न्यूज चैनल ‘आजतक’ ने पुलिस सूत्रों का हवाला देते हुए बताया है कि एकनाथ शिंदे की रैली में उद्धव की रैली से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।

बीकेसी मैदान पर एकनाथ शिंदे गुट की दशहरा रैली पर उमड़े समर्थक

टीवी चैनल के मुताबिक मुंबई पुलिस सूत्रों ने दावा किया है कि शिंदे की रैली में उद्धव की दशहरा रैली के मुकाबले दो गुना ज्यादा लोग थे। मुंबई पुलिस सूत्रों का कहना है कि उद्धव की रैली में 1 लाख लोग शिवाजी पार्क में जुटे थे। वहीं, एकनाथ की रैली में बीकेसी मैदान में आने वालों की तादाद करीब 2 लाख थी। अगर ये आंकड़ा सही है, तो उद्धव के लिए खतरे की घंटी और तेज बजती सुनाई दे रही है। बता दें कि असली शिवसेना किसकी? इस मसले पर उद्धव और एकनाथ शिंदे के बीच चुनाव आयोग में जंग भी चल रही है।

फिलहाल उद्धव ठाकरे के पास शिवसेना का चुनाव निशान तीर और कमान है, लेकिन अगर चुनाव आयोग में एकनाथ शिंदे का गुट ये साबित कर देता है कि उसके पास पार्टी के ज्यादातर नेताओं और कार्यकर्ताओं का समर्थन है, तो उद्धव से शिवसेना का चुनाव निशान छिन भी सकता है। ऐसे में उद्धव ठाकरे के सामने पार्टी गंवाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचेगा। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में उनकी अर्जी को पहले ही खारिज कर चुका है। यानी चुनाव आयोग के फैसले के बाद देश की सबसे बड़ी अदालत से भी राहत मिलना उद्धव के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।

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