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Norovirus: केरल के स्कूल में नोरोवायरस से एक दर्जन से ज्यादा बच्चे बीमार, जानिए कैसे फैलता है ये और क्या है बचने का तरीका

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एर्नाकुलम। केरल के एक निजी स्कूल के एक दर्जन से ज्यादा बच्चों को नोरोवायरस ने अपनी गिरफ्त में लिया है। जानकारी के मुताबिक इस वायरस से 19 बच्चे पीड़ित हुए हैं। बच्चों की तबीयत लगातार बिगड़ने के बाद जब इनका टेस्ट कराया गया, तो पता चला कि नोरोवायरस से ये सभी ग्रस्त हैं। कक्कनाड जिले के मेडिकल ऑफिसर के मुताबिक स्कूल के बच्चों को उल्टी और दस्त की शिकायत हो रही थी। तमाम बच्चे जब इसकी शिकायत करने लगे, तो जांच कराई गई। इससे पता चला कि सभी को नोरोवायरस ने चपेट में लिया है। बच्चे कक्षा 1 और 2 के हैं। इनमें से कुछ के माता-पिता में भी नोरोवायरस का संक्रमण मिला है।

जानकारी के मुताबिक बच्चों और बीमार माता-पिता का इलाज चल रहा है। बच्चों की हालत चिंताजनक भी नहीं है। नोरोवायरस के इस प्रकोप के बाद निजी स्कूल ने कक्षा 5 तक के बच्चों के लिए छुट्टी भी घोषित की है। कक्कनाड के जिला प्रशासन ने नोरोवायरस के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम भी शुरू किया है। इसके अलावा ऑनलाइन बच्चों को इस वायरस के बारे में बताया भी जा रहा है। स्कूल में सभी कक्षाओं और टॉयलेट्स को सैनिटाइज किया गया है। बीमार बच्चों की ठीक से निगरानी की जा रही है। जिला प्रशासन ने सभी से साफ पानी पीने के लिए कहा है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी के दफ्तर से बीमारी से एहतियात बरतने की अपील सभी लोगों से की गई है।

नोरोवायरस से उल्टी और दस्त का शिकार लोग बनते हैं। इस वायरस से बीमार होने पर हल्का बुखार आता है। सिरदर्द, बदन में दर्द, ठंड लगने की शिकायत होती है। आमतौर पर स्वस्थ लोगों में नोरोवायरस ज्यादा असर नहीं दिखा पाता। नोरोवायरस का शिकार ज्यादातर बच्चे, बुजुर्ग और अन्य बीमारियों से पीड़ितो लोग होते हैं। कुछ मरीजों में ये गंभीर रूप भी ले लेता है। गंदे पानी और भोजन की वजह से नोरोवायरस फैलता है। ये संक्रामक होता है। यानी एक से दूसरे व्यक्ति में भी फैलता है। नोरोवायरस का संक्रमण होने पर खूब उबला पानी पीना चाहिए। साथ ही ओआरएस भी लेना चाहिए। संक्रमण ठीक होने के कुछ दिन बाद ही लोगों से मिलना जुलना चाहिए।

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