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PUBG Crime News: पबजी खेलने से रोका तो मां को मारी 6 गोलियां, बैन होकर भी कैसे खेला जा रहा PUBG

नई दिल्ली। ऑनलाइन गेमिंग की लत देश के युवाओं को किस हद तक खोखला कर रही है। इसकी एक और बानगी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सामने आई है। क्या हुआ है वहां बताएंगे आपको लेकिन पहले मैं आपको कुछ याद दिलाना चाहता हूं। पबजी, ये गेम तो याद ही होगा आपको। एक वक्त ऐसा था जब इस गेम की लत ने देश में आतंक मचा दिया था। युवाओं का रुझान इसकी तरफ इस कदर बढ़ गया था कि वो इसे खेलते रहने के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार थे। इस गेम की वजह से कई युवाओं को तो अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ गया था। जब बड़ी संख्या में बच्चे इस गेम का शिकार होने लगे तब केंद्र सरकार ने इस पर बैन लगा दिया था। लेकिन ज़रा रुकिए। क्या पबजी पर बैन लगाने से खतरा खत्म हो गया, क्या इसे बैन करने के बाद अब देश के युवाओं ने ये गेम खेलना बंद कर दिया है। जवाब है नहीं, लखनऊ के जिस केस के बारे मैं आपको बताने जा रहा हूं उसने पबजी को लेकर ऐसे तमाम सवालों को एक फिर हवा देने का काम तो किया ही है लेकिन साथ ही इस चिंता को भी जन्म दिया है कि आखिर हमारी आने वाली पीढ़ी किस तरह के समाज का निर्माण करेगी?

दरअसल, लखनऊ में PUBG ना खेलने देने से नाराज 16 साल के बेटे ने अपनी मां की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद मां के शव के साथ तीन दिन तक वो घर में ही रहा। 10 साल की बहन को भी धमकाकर घर से बाहर जाने से रोक लिया। लाश के सड़ने से बदबू फैली तो बेटे ने सेना में अधिकारी पिता को खुद फोन करके बताया कि मैंने मां की हत्या कर दी है। पिता की जानकारी पर मंगलवार रात पुलिस ने शव को घर से बाहर निकाला। वाराणसी के रहने वाले नवीन कुमार सिंह सेना में जूनियर कमीशन्ड ऑफिसर हैं। उनकी पोस्टिंग पश्चिम बंगाल में है। लखनऊ के पीजीआई इलाके में यमुनापुरम कॉलोनी में उनका मकान है। यहां उनकी पत्नी साधना अपने 16 साल के बेटे और 10 साल की बेटी के साथ रहती थीं। बेटे ने मंगलवार रात अपने पिता नवीन को वीडियो कॉल करके बताया कि उसने मां की हत्या कर दी है। उसने पिता को शव भी दिखाया। नवीन ने एक रिश्तेदार को कॉल करके तुरंत अपने घर भेजा। पुलिस पहुंची तो घर के भीतर की हालत देखकर दंग रह गई।


पुलिस के मुताबिक, बेटा मोबाइल पर गेम खेलने का आदी था, लेकिन मां उसे गेम खेलने से रोकती थी। शनिवार रात भी उन्होंने बेटे को गेम खेलने से मना किया। बेटा इस बात से इतना नाराज़ हो गया कि रात करीब 2 बजे जब उसकी मां गहरी नींद में थी तो उसने अलमारी से पिता की पिस्टल निकालकर मां की हत्या कर दी। इसके बाद बहन को भी धमकाकर उसी कमरे में बंद कर दिया। पुलिस को साधना की लाश के पास से नवीन की लाइसेंसी पिस्टल मिली। पिस्टल की मैगजीन पूरी खाली थी। इससे अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि बेटे ने मैगजीन की 6 गोलियां मां के ऊपर ही दाग दीं। हालांकि, लाश सड़ जाने की वजह से शरीर पर गन शॉट दिखाई नहीं दे रहे थे। पुलिस ने बेटे से काफी पूछताछ की, लेकिन उसने कितनी गोलियां दागीं बता नहीं पाया। इसके लिए पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

लेकिन बात यहीं पर खत्म नहीं होती बल्कि बात तो यहां से शुरू होती है। पबजी को 3 सितंबर 2020 को मोदी सरकार ने बैन कर दिया था लेकिन फिर भी कई दूसरे ब्राउज़र्स की मदद से ये गेम अभी भी खेला जा रहा है। APK फाइल को डाउनलोड करके बहुत से लोग अभी भी ये गेम खेल रहे हैं। बीते दिनों मध्यप्रदेश में भी इस बात का खुलासा हुआ था कि एपीके फाइल के जरिए डाउनलोड करके पबजी खेला जा रहा है।
सरकार ने पबजी बैन तो जरूर कर दिया लेकिन इसे अवैध तरीके से खेलने के ऑनलाइन जुगाड़ वाले चलन से आधा दर्जन से भी ज्यादा ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जब पबजी ने युवाओं की जान ले ली। ये मामले महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों से सामने आए थे। मसलन, सवाल बेहद गंभीर है कि पबजी का शटर गिराने के बाद चोर दरवाजे से पबजी खेलने की समस्या का इलाज सरकार कैसे करेगी?

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