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Ukraine Crisis: 1400 किलोमीटर स्कूटी चलाकर लॉकडाउन में जिस बेटे को घर लाई थीं रजिया, अब वो यूक्रेन में फंसा

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निजामाबाद। तेलंगाना के निजामाबाद की रहने वाली रजिया फिर सुर्खियों में हैं। लॉकडाउन के वक्त अपने बेटे अमन को रजिया 1400 किलोमीटर तक स्कूटी चलाकर आंध्र प्रदेश के नेल्लोर से निकालकर घर लाई थीं। उस वक्त तमाम मीडिया ने उनकी खबर को प्रमुखता दी थी। अब रजिया का वही बेटा निजामुद्दीन यूक्रेन में फंस गया है। रजिया अब स्कूटी से यूक्रेन जाकर बेटे को नहीं ला सकतीं। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव से बेटे को बचाने और उसे भारत लाने की गुहार लगाई है। निजामुद्दीन पहले नेल्लोर से इंटरमीडिएट यानी 12वीं की पढ़ाई कर रहा था। उसका सपना डॉक्टर बनने का था। इसी वजह से उसने यूक्रेन में दाखिला ले लिया और फिलहाल एमबीबीएस का छात्र है। यूक्रेन पर रूस के हमले के कारण निजामुद्दीन भी वहां फंस गया है।

रजिया के मुताबिक उनका बेटा सुमी में है। ये जगह रूस की सीमा के पास है और ज्यादातर भारतीय छात्र सुमी स्टेट मेडिकल कॉलेज में पढ़ते हैं। उन्होंने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि निजामुद्दीन बंकर में है और फोन से संपर्क में रहता है। रजिया के मुताबिक बेटे ने उन्हें फोन कर बताया कि वो ठीक है और ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। फिर भी मां का कलेजा हर हमले की खबर सुनकर मुंह को आ रहा है। रजिया ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि पीएम मोदी और सीएम राव हर हाल में उनके बेटे को यूक्रेन के सुमी से निकालकर भारत ले आएंगे। उन्होंने अपने बेटे से कहा है कि जैसे ही मौका मिले, वो जल्दी से जल्दी निकलकर दूसरे देश चला जाए, ताकि सरकार उसकी मदद कर सके।

बता दें कि भारत सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा चला रही है। इसके तहत हजारों छात्रों को भारत लाया गया है। मोदी ने हर हाल में सभी भारतीयों को वापस लाने के लिए 10 दिन की डेडलाइन तय की है। ऐसे में उम्मीद है कि रजिया का बेटा भी जल्दी ही उनके पास आएगा। दरअसल, सुमी भी वो शहर है, जिसपर रूस बड़ा हमला कर रहा है। इसकी वजह से वहां फंसे भारतीयों को निकालने में काफी दिक्कत हो रही है।

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