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Madhya Pradesh : पानी की किल्लत से जूझ रहे गांव के लिए 250 महिलाओं ने काटा पहाड़, बनाया रास्ता

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के छतरपुर से एक ऐसी खबर सामने आई है जो माउंटेन मैन दशरथ मांझी की याद दिलाती है। दशरथ मांझी के बारे में आपने सुना तो होगा कि कैसे उन्होंने गया के करीब गहलौर गांव में एक हथौड़े और छेनी की मदद से पूरे पहाड़ को काटकर सड़क बना दी थी। ठीक ऐसे ही अब मध्य प्रदेश के छतरपुर में पानी की किल्लतों से जूझ रहे एक गांव में 250 महिलाओं ने पहाड़ को काटकर पानी के लिए रास्ता बनाया और गांव मे हो रही पानी की परेशानी को दूर किया। बता दें कि छतरपुर जिले के अंगरोठा गांव की 250 महिलाओं ने पानी के लिए रास्ता बनाने के लिए एक पहाड़ को काट दिया। गांव लंबे समय से पानी की किल्लत से जूझ रहा था, जिसके बाद महिलाओं ने खुद ही हल निकालने की ठान ली।

इसी गांव की बबिता राजपूत का कहना है कि, हम रास्ता बनाने के लिए 18 महीनों से लगातार काम कर रहे थे। जंगल वाले इलाके में पानी मौजूद था, लेकिन हमारे गांव तक नहीं आ पा रहा था। उन्होंने कहा, ”ऐसे में गांव की हम महिलाओं ने पहाड़ को काटने का फैसला किया, जिससे पानी को गांव के तालाब तक लाया जा सके।”

वहीं एक दूसरी महिला ने इस जज्बे भरे काम को लेकर कहा कि, ”हम खुद के लिए ऐसा कर रहे हैं क्योंकि यहां पानी की कमी है। हम खेती करने में असमर्थ थे। हमारे गांव में लगभग 250 महिलाओं ने तालाब में पानी लाने के लिए एक रास्ता बनाया। इस काम को पूरा करने में हमें लगभग 18 महीने लगे।”

बता दें कि देश में ऐसे कारनामें समय-समय पर सुनाई देते रहते हैं जिनसे जीवन में आने वाली परेशानियों से लड़ने की हिम्मत मिलती है। हाल ही में बिहार में ही दशरथ मांझी जैसा एक और मामला सामने आया था, जब गया के इमामगंज व बांकेबाजार प्रखंड की सीमा पर जंगल में बसे कोठीलवा गांव के लोगों की गरीबी दूर करने के लिए लौंगी भुइयां नामक एक शख्स ने पांच किलोमीटर लंबी नहर खोद डाली थी। 20 साल में उन्होंने पांच किलोमीटर लंबी, चार फीट चौड़ी व तीन फीट गहरी पईन की खुदाई कर डाली थी। इसके बाद, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा के मालिक आंनद महिन्द्रा ने लौंगी भुइयां को ट्रैक्टर भेंट किया था।

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