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Randeep Surjewala: कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट, 23 साल पुराने मामले में कोर्ट हुआ सख्त

शनिवार को सुनवाई के दौरान रणदीप सुरजेवाला की तरफ से एमपी-एमएलए कोर्ट में आवेदन दिया गया कि 31 मई के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में उनकी याचिका दायर है। इसपर फैसला होने तक उन्मोचन का आवेदन देने का मौका दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि अंतिम मौका दिया जा चुका है।

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वाराणसी। वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट ने कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ गंभीर रुख अपनाते हुए गैर जमानती वॉरंट जारी किया है। रणदीप सुरजेवाला को कोर्ट ने 9 जून को तलब किया है। सुरजेवाला इस मामले में पेश नहीं हुए थे। जिसपर कोर्ट ने गैर जमानती वॉरंट जारी कर दिया। कोर्ट में सुरजेवाला की तरफ से कहा गया था कि उनको हाईकोर्ट में लंबित याचिका के फैसले तक पेशी से छूट दी जाए। इसे कोर्ट ने पहले ही अंतिम अवसर देने का हवाला देकर खारिज कर दिया था। इसके बाद रणदीप सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। वहां से आदेश मिलने पर एफआईआर और आरोप पत्र की कॉपी दे दी गई थी।

इसके बाद सुरजेवाला की तरफ से केस डायरी और अन्य दस्तावेज मांगे गए। विशेष जज ने 31 मई को इस मांग को खारिज कर दिया और फिर 3 जून की तारीख सुनवाई के लिए तय की। शनिवार को सुनवाई के दौरान रणदीप सुरजेवाला की तरफ से एमपी-एमएलए कोर्ट में आवेदन दिया गया कि 31 मई के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में उनकी याचिका दायर है। इसपर फैसला होने तक उन्मोचन का आवेदन देने का मौका दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने 20 मार्च को जो आदेश दिया था, उसके तहत अंतिम मौका दिया जा चुका है और उनका ताजा आवेदन खारिज किया जाता है।

ये मामला साल 2000 का है। 21 अगस्त को संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं को आरोपी बनाने के खिलाफ तब युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे रणदीप सुरजेवाला, तत्कालीन युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष स्वयंप्रकाश गोस्वामी और पार्टी कार्यकर्ताओं ने मंडलायुक्त के कोर्ट में जमकर हंगामा किया था। आरोप है कि पुलिस से भी वे उलझ गए थे। इस मामले में सुरजेवाला और गोस्वामी समेत कई गिरफ्तार किए गए थे। इस मामले में कोर्ट ने 13 मार्च को अन्य आरोपियों पर आरोप तय किए थे, लेकिन सुरजेवाला पेस नहीं हुए थे। तब संसद का सत्र चालू होने की दलील सुरजेवाला की तरफ से दी गई थी। उस वक्त भी कोर्ट ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया था। इस मामले में आरोपी स्वयंप्रकाश गोस्वामी का बीते दिनों निधन हो गया है।

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