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Heba Fatima: मुस्लिम बेटी का कट्टरपंथियों को मुंहतोड़ जवाब, श्रीमद्भगीता का उर्दू में किया अनुवाद, दी पढ़ने की नसीहत

Telangana

नई दिल्ली। जिस खबर के बारे में हम आपको आगे बताने जा रहे हैं, उसे खबर नहीं, बल्कि नजीर कहना अधिक मुनासिब रहेगा। एक ऐसी नजीर जिसने उन सभी लोगों की बोलती बंद कर दी है, जो कभी समाज को मजहब के नाम पर तो कभी जाति के नाम पर तो कभी-कभी अपनी तमाम हदों को पार करते हुए सूबों और भाषाओं के आधार पर भी अंखड राष्ट्र को खंडित करने पर आमादा हो जाते हैं, लेकिन इस मुस्लिम बेटी ने जिस तरह की नजीर पेश की है, उसे हर कोई सलाम कर रहा है। इस मुस्लिम बेटी ने नफरत की फ्रैक्ट्री चलाने वाले कट्टरपंथियों को मुंहतोड़ जवाब देकर उन्हें अपने हद में रहने की हिदायत दे डाली है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

आपको बता दें कि हेबा फातिमा ने महज तीन माह में श्रीमद्भगीता का उर्दू में अनुवाद कर उन सभी लोगों को पढ़ने की हिदायत दी है, जो इसे धर्म के लिबास में ओढ़ने की खता करते हैं। फातिमा ने श्रीमद्भगीता के 18 अध्यायों के 700 श्लोकों का उर्दू में अनुवाद किया है। इतना ही नहीं, फातिमा ने कुरान के साथ-साथ श्रीमद्भगीता के साथ-साथ कुरान का भी अध्ययन किया है। इन दोनों ही धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन के उपरांत फातिमा ने एक नई पुस्तक लिखी है, जिसका नाम है ‘कुरान और श्रीमद्भगीता के बीच समानता’। अभी यह पुस्तक खासा सुर्खियों में है। लोग इस पर अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। कुछ लोग इसे कट्टरपंथियों से भी जोड़ रहे हैं।

इस पुस्तक को कट्टरपंथियों को मिले मुंहतोड़ जवाब के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि आगामी दिनों में बाजार में इस पुस्तक की अच्छी खासी मांग भी देखने को मिल सकती है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, फातिमा मूल रूप से तेलंगाना की रहने वाली हैं। फातिमा के परिजन बताते हैं कि फातिमा शुरू से ही धार्मिक प्रवृत्ति की लड़की रही है। शुरू से ही उसकी धार्मिक पुस्तकों के अध्ययन में रूची रही है। फातिमा अन्य लड़कियों से काफी अलग है। खुद को आधुनिकता से महरूम रखने वाली फातिमा हमेशा हिजाब में रहती है।

इसके साथ ही फातिमा ने कुरान और श्रीमद्भगीता का गहन अध्ययन करने के बाद जिस नवीन पुस्तक को लिखा है, उसका नाम है कुरान और श्रीमद्भगीता के बीच समानता। इस पुस्तक की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए फातिमा ने कहा कि इस कोई भी आम पाठक बेहद ही आसानी से समझ सकता है। फातिमा बताती हैं कि आमतौर पर लोगों को धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करने में अनेक प्रकार की दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर कठीन शब्दों के ज्ञान के अभाव में पाठक अर्थ समझ नहीं पाते हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए उनके मन में सरल शब्दों में श्रीमद्भगीता को लिखने का मन में विचार आया और अब उसे उन्होंने मूर्त रूप दे दिया है। फातिमा लेखन के इतर गीता से संदर्भित श्लोकों को वीडियो के रूप में भी अपने प्रशंसकों के बीच साझा करते हैं, ताकि लोगों को गीता के किल्स्ट ज्ञान के बारे में पता चल सकें।

फातिमा आगे बताती हैं कि निसंहेद आप हिंदू और मुस्लिम हो सकते हैं, लेकिन बतौर इंसान हम सभी के ईश्वर एक हैं और मानवता ही हम सभी का एकमात्र धर्म है, लिहाजा हमें इसका पालन करना चाहिए। बता दें कि फातिमा का यह संदेश उन सभी लोगों के लिए है, जो धर्म के नाम पर इंसान और इंसान के बीच दूरी पैदा करने का कम करते हैं।

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