News Room Post

Winter Session 2021: किसान आंदोलन में नहीं हुई किसी अन्नदाता की मौत, कृषि मंत्री का संसद में बड़ा बयान

Narendra Tomar

नई दिल्ली। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने का ऐलान किया था। जिसके बाद संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कृषि कानूनों को बिल वापिस ले लिया गया है। हालांकि तीन कृषि कानून बिल वापिस होने के बाद भी किसानों का आंदोलन अभी भी दिल्ली की सीमाओं पर जारी है। वहीं किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष पार्टियां जमकर सियासत कर रही है। इतना ही नहीं किसान आंदोलन के जरिए अन्नदाताओं को बरगलाने की कोशिश भी की गई। इसी बीच कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को लेकर एक बड़ी जानकारी केंद्र सरकार ने  संसद में दी है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में बड़ा बयान दिया है। दरअसल कृषि मंत्री तोमर ने बताया कि कृषि कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन में किसान की मौत नहीं हुई है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ये बयान लोकसभा में लिखित जवाब में दिया है।

आपको बता दें कि विपक्ष पार्टियां लगातार सरकार से मांग कर रही है कि आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों के मुआवजे दें। हालांकि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के इस बयान के बाद अब विपक्ष को बोलती बंद हो गई है। नरेंद्र तोमर ने कहा, मंत्रालय के पास किसान आंदोलन की वजह से किसी भी किसान की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में मृतक किसानों के परिवारवालों को मुआवजे का देने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

दरअसल संसद में सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार के पास आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों का कोई आंकड़ा है और क्या सरकार उनके परिजनों को आर्थिक सहायता देने की सोच रही है? जिसके जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर का ये जवाब दिया है। वहीं किसान संगठनों का दावा है कि आंदोलन के दौरान 700 से ज्यादा किसानों की मौत हुई है। मगर सरकार ने आज संसद में साफ कर दिया है कि कृषि कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन में किसान की मौत नहीं हुई है।

Exit mobile version