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Medicine Price Hike: नेशनल ड्रग प्राइसिंग अथॉरिटी ने 8 दवाओं के 11 फॉर्मूलेशन के दाम 50% तक बढ़ाए, जानिए कौनसी दवाएं हुई महंगी

Medicine Price Hike: फॉर्मूलेशन एक विशेष प्रक्रिया है जिसमें दवाओं के विभिन्न घटकों को मिलाकर एक प्रभावी रूप में तैयार किया जाता है। यह प्रक्रिया दवाओं की गुणवत्ता और उनके शरीर में सही ढंग से काम करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए की जाती है। दवाएं टैबलेट, कैप्सूल, सिरप या इंजेक्शन के रूप में फॉर्मूलेट की जाती हैं, ताकि उनका प्रभावी रूप से इस्तेमाल किया जा सके।

नई दिल्ली। नेशनल ड्रग प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने 8 महत्वपूर्ण दवाओं के 11 फॉर्मूलेशन के दामों में 50% तक की वृद्धि कर दी है। यह निर्णय दवाओं की उत्पादन लागत में बढ़ोतरी के चलते लिया गया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एनपीपीए के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया, जिसका उद्देश्य दवा कंपनियों को हो रहे नुकसान को रोकना है।

दवा कंपनियों को हो रहा था नुकसान

इन दवाओं के दाम इतने कम थे कि इन्हें बनाने वाली कंपनियों को काफी नुकसान हो रहा था। कई कंपनियों ने इनकी मार्केटिंग बंद कर दी थी, जिससे दवाओं की आपूर्ति प्रभावित हो रही थी। इससे न केवल मरीजों को बल्कि डॉक्टरों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। इस समस्या को देखते हुए एनपीपीए ने दवाओं के दाम बढ़ाने का निर्णय लिया है ताकि उनकी सप्लाई सुचारू रूप से हो सके।


किन दवाओं के रेट बढ़े हैं?

एनपीपीए ने जिन दवाओं के दाम बढ़ाए हैं, उनमें ग्लूकोमा, अस्थमा, टीबी, थैलेसीमिया और मानसिक स्वास्थ्य के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां शामिल हैं। जिन फॉर्मूलेशन का रेट बढ़ाया गया है, उनमें बेंजिल पेनिसिलिन 10 लाख आईयू इंजेक्शन, सालबुटामोल टैबलेट 2 मिलीग्राम और 4 मिलीग्राम, और रेस्पिरेटर सॉल्यूशन 5 मिलीग्राम/एमएल शामिल हैं। इन दवाओं का उपयोग प्रमुखता से पहली पंक्ति के उपचार के रूप में किया जाता है।

इंजेक्शन के दामों में भी बढ़ोतरी

कुछ महत्वपूर्ण इंजेक्शन जिनके दाम बढ़ाए गए हैं, उनमें शामिल हैं:

सफड्रोक्सील टैबलेट 500 मिलीग्राम

एट्रोपिन इंजेक्शन 06 एमजी/एमएल

स्ट्रेप्टोमाइसिन पाउडर 750 मिलीग्राम और 1000 मिलीग्राम

डेस्फेरिओक्सामाइन 500 मिलीग्राम

फॉर्मूलेशन क्या होता है?

फॉर्मूलेशन एक विशेष प्रक्रिया है जिसमें दवाओं के विभिन्न घटकों को मिलाकर एक प्रभावी रूप में तैयार किया जाता है। यह प्रक्रिया दवाओं की गुणवत्ता और उनके शरीर में सही ढंग से काम करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए की जाती है। दवाएं टैबलेट, कैप्सूल, सिरप या इंजेक्शन के रूप में फॉर्मूलेट की जाती हैं, ताकि उनका प्रभावी रूप से इस्तेमाल किया जा सके।

 

 

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