नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी और पूर्व विधायक नवजोत कौर सिद्धू ने कैंसर को मात देकर एक नई मिसाल पेश की है। स्टेज-4 इनवेसिव कैंसर से जूझ रहीं नवजोत कौर अब पूरी तरह से कैंसर मुक्त हो चुकी हैं। उनकी इस बड़ी जीत की घोषणा गुरुवार को नवजोत सिंह सिद्धू ने की। नवजोत कौर का हाल ही में पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी स्कैन कराया गया, जिसमें यह साफ हो गया कि वह अब कैंसर फ्री हैं। सिद्धू ने इस खबर को साझा करते हुए कहा, “डॉक्टरों ने उनके इलाज में हाथ खड़े कर दिए थे, लेकिन उनके हौसले और जीवनशैली में किए गए बदलाव ने इस बीमारी को मात देने में अहम भूमिका निभाई।”
स्टेज-4 इनवेसिव कैंसर से थी पीड़ित
नवजोत कौर को स्टेज-4 इनवेसिव कैंसर था, जिसे डॉक्टर्स “रेयरेस्ट मेटास्टेसिस” कह रहे थे। इस गंभीर स्थिति में उन्हें ब्रेस्ट सर्जरी करवानी पड़ी थी। कैंसर की यह लड़ाई उन्होंने पिछले एक साल से लड़ी, जिसमें तीसरी स्टेज पर डॉक्टर्स ने लगभग उम्मीद खो दी थी। नवजोत कौर ने बताया कि बेटे की शादी के बाद कैंसर फिर से लौट आया था, जिससे उनके बचने की उम्मीद कम हो गई थी।
Treatment + Diet – Great combination for Cancer cure! pic.twitter.com/Q8y4DPfGV3
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) November 22, 2024
लाइफस्टाइल और डाइट में किया बड़ा बदलाव
नवजोत कौर ने कैंसर को हराने के लिए अपनी दिनचर्या और खानपान में बड़े बदलाव किए। उन्होंने नींबू पानी, कच्ची हल्दी, एप्पल साइडर विनेगर, नीम के पत्ते और तुलसी जैसी चीजों को अपनी दिनचर्या में शामिल किया। खाने में अखरोट, चुकंदर, कद्दू, आंवला, अनार और विटामिन सी युक्त फलों का सेवन किया। खाना पकाने के लिए कोल्ड प्रेस्ड तेल, जैसे नारियल, मूंगफली और बादाम के तेल का उपयोग किया।
सिद्धू ने बताया:
- शाम 6 बजे तक खाना खा लें।
- अगली सुबह 10 बजे नींबू पानी से दिन की शुरुआत करें।
- 10-12 नीम के पत्ते चबाएं।
- चीनी और कार्बोहाइड्रेट से परहेज करें, जिससे कैंसर सेल्स मरने लगते हैं।
सिद्धू ने भी घटाया 25 किलो वजन
नवजोत कौर के साथ-साथ नवजोत सिंह सिद्धू ने भी यह लाइफस्टाइल अपनाई। इसका फायदा उन्हें खुद भी मिला। सिद्धू ने कहा कि इससे उनके फैटी लिवर की समस्या खत्म हो गई और उन्होंने 25 किलो वजन भी कम कर लिया।
साहस और अनुशासन ने दिलाई जीत
नवजोत कौर का इलाज पटियाला के सरकारी अस्पताल में हुआ, जिसमें राजेंद्र मेडिकल कॉलेज जैसे संस्थान शामिल थे। उनकी रिकवरी के दौरान अनुशासन और सकारात्मक सोच ने अहम भूमिका निभाई। सिद्धू परिवार की यह कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।
उम्मीद कभी न खोए
नवजोत कौर ने अपनी कहानी साझा करते हुए कहा, “मैंने कभी उम्मीद नहीं खोई। हर चुनौती का सामना हिम्मत और अनुशासन के साथ किया। यह जीत मेरी नहीं, उन सभी की है जो कैंसर से जूझ रहे हैं।”