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Punjab: पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनते ही नवजोत सिद्धू के सामने खड़ी हुई मुश्किलें, कैप्टन ने भी दिखा दिया ठेंगा

Captain Siddhu

चंडीगढ़। कांग्रेस आलाकमान के आशीर्वाद से नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में पार्टी का अध्यक्ष पद तो हासिल कर लिया, लेकिन पद संभालते ही उनके सामने मुश्किलें एक के बाद एक आ रही हैं। खासकर कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने में उनके पसीने छूट रहे हैं। उधर, सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी साफ कर दिया है कि भले ही सरकार और पार्टी मिलकर काम करें, लेकिन दोनों के काम का इलाका अलग-अलग ही रहेगा।

पहले बात करते हैं सिद्धू की मुश्किलों की। दो दिन पहले लुधियाना में कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने पार्टी और सरकार में सुनवाई न होने का आरोप लगाकर जहर खाकर जान दे दी थी। इसी तरह शनिवार को सिद्धू के सामने तमाम कार्यकर्ताओं ने यही बात रखी।

दरअसल, सिद्धू ने जिलों के कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार के साढ़े चार साल हो गए हैं, लेकिन इस दौरान उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने सिद्धू के सामने खुलेआम कहा कि सरकार की ओर से कोई सम्मान से बात तक नहीं करता। उन्होंने बताया कि इस दौरान उन्हें बुलाकर पहले कभी कोई बैठक भी नहीं की गई। सिद्धू को इन कार्यकर्ताओं को मनाने में काफी वक्त लग गया। उन्होंने वादा किया कि अब से ऐसा नहीं होगा और वह खुद अपनी पार्टी की सरकार तक कार्यकर्ताओं की बात पहुंचाएंगे।

अब बात कैप्टन अमरिंदर सिंह की। बीते दिनों सिद्धू ने बतौर कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन को एक मांगपत्र भेजा था। इसमें पांच मांगें पूरी करने के लिए कहा गया था। सिद्धू ने चिट्ठी में लिखा था कि कैप्टन ने विधानसभा चुनाव से पहले इन मांगों को पूरा करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस पर कैप्टन अमरिंदर ने कहा है कि सरकार ने 95 फीसदी वादे पूरे कर दिए हैं। सिर्फ पांच फीसदी वादे पूरे करने बाकी हैं। उन्होंने ये भी साफ कह दिया कि पार्टी अपना काम करेगी और सरकार अपना। यानी जरूरी नहीं कि सिद्धू जो मांग करें, उसे सरकार मान ही ले।

ऐसे में साफ हो रहा है कि कैप्टन और सिद्धू के बीच अभी सबकुछ ठीक नहीं हुआ है। फिलहाल आलाकमान के निर्देश पर शांति जरूर है, लेकिन सिद्धू और कैप्टन के बीच अंदरखाने अब भी पंजाब कांग्रेस पर वर्चस्व की जंग छिड़ी हुई है।

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