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PUNJAB: गांधी खानदान से तनातनी के बीच हिलती दिख रही है सिद्धू की कुर्सी, अहम मीटिंग में न बुलाए जाने की खबर

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चंडीगढ़। पंजाब में चुनाव हो चुके हैं। 10 मार्च को नतीजा आने वाला है। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू वोटिंग के बाद से लापता हैं। सिद्धू ने बुधवार को कांग्रेस की एक अहम बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया। इस मीटिंग में कांग्रेस के नेता नतीजों का आकलन करने के लिए इकट्ठा हुए थे। सिद्धू के न आने पर मीटिंग की अध्यक्षता सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने की। इसमें पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी और डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा शामिल हुए। अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के मुताबिक चन्नी ने मीटिंग में ये जानने की कोशिश की कि पंजाब में कांग्रेस की कितनी सीटें आ सकती हैं। वहीं, एक दावा ये भी किया जा रहा है कि इस मीटिंग में सिद्धू को बुलाया ही नहीं गया था।

बहरहाल कांग्रेस की इस अहम मीटिंग में चन्नी सरकार के मंत्री कैप्टन संदीप सिंह, परगट सिंह, सुखबिंदर सिंह, भरत भूषण, राजिंदर सिंह और कुलबीर सिंह भी बैठे और चन्नी के साथ मिलकर उन्होंने जीत और हार का गुणा गणित लगाया। बता दें कि सिद्धू लगातार चुनाव के पहले से ही खुद को लो प्रोफाइल रख रहे हैं। यहां तक कि प्रियंका गांधी के साथ जनसभा में भी उन्होंने संबोधन देने से साफ इनकार कर दिया था। सिद्धू को कांग्रेस ने अमृतसर ईस्ट सीट से उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया है। वहां उनकी टक्कर अकाली दल बादल के दिग्गज नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से है।

सिद्धू लगातार खुद को पंजाब का सीएम फेस घोषित करने के लिए कोशिश करते रहे, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने उनकी जगह चन्नी को एक बार फिर सीएम फेस घोषित कर दिया। इसके बाद से ही सिद्धू के तेवर बदल गए थे। कई बार संकेतों में उन्होंने पार्टी के इस फैसले का विरोध किया था। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने भी कहा था कि राहुल गांधी को कुछ नेताओं ने बरगला दिया और नतीजे में उनके पति से अन्याय कर दिया गया। नवजोत कौर ने ये भी कहा था कि अगर सियासत में हम कुछ न कर सके, तो अपने पुराने प्रोफेशन में लौट जाएंगे। उन्होंने बताया था कि सिद्धू पहले दूसरे काम से हर घंटे 25 लाख रुपए कमा लेते हैं।

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