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समीर वानखेड़े की बहन के इस कदम से बढ़ी नवाब मलिक की मुश्किलें, अब पड़ सकते हैं NCP नेता को लेने के देने

nawab malik

नई दिल्ली। किसी ने भी नहीं सोचा था कि ड्रग्स मामले में हुई अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी एक दिन सियासत से लेकर मजहबी गलियारों में चर्चा का विषय बनेगी। किसी ने इसे सियासी चश्मे से देखा तो किसी ने इसे मजहबी चश्मे तो किसी ने तो यहां तक कहने से गुरेज नहीं किया कि अभिनेता को मुसलमान होने की वजह से निशाने पर लिया जा रहा है, तो किसी ने कहा कि बॉलीवुड के लोगों को अक्सर परेशान किया जाता है। खैर, किस ने क्या कहा और क्या नहीं। उन सभी मसलों पर टिप्पणी करना उचित नहीं है, लेकिन इस पूरे ही मसले को लेकर जिस तरह की प्रतिक्रिया एनसीपी नेता नवाब मलिक ने दिखआई उसने इस पूरे माजरे को नया रंग दे दिया। रोजाना ट्विटर पर एनसीबी के जोनल डॉयरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ उनके द्वारा सुबूतों का परोसा जाना।

कभी उन्हें मुस्लिम बताना तो कभी दलित तो कभी ये आरोप लगाना कि समीर वानखेड़े ने तो ठगी से सरकारी नौकरी हासिल की है, तो कभी ये कहना कि वे तो लाखों करोड़ों के कपड़े पहनते हैं और न जाने कितनें हीं आरोप और प्रत्यारोप एनसीपी नेता ने समीर वानखेड़े पर लगाए। यह कहना गलत नहीं होगा कि उनके आरोपों ने इस पूरे ही माजरे को नया रंग देने का काम किया था और अब इस रंग के सैलाब में शाहरुख और आर्यन को परे रख दिया जाए, तो बाकी के सभी किरदार पूरी तरह से सराबोर हो चुके हैं।

एनसीपी नेता नवाब मलिक तो बकायदा इस पूरे माजरे में अपने आपको इस कदर उलझा चुके हैं कि अब उन्हें कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। जिस तरह से उन्होंने समीर वानखेड़े के खिलाफ बयानबाजी की है, उसे लेकर उनका कोर्ट कचहरी के दर्शन करना लाजिमी है और इसके अलावा समीर वामखेड़े की बहन ठहरी पेशेवर वकील तो लाजिमी ही है कि आईसीपी की धाराओं का सामना तो  नेताजी को करना ही होगा। अब इसी कड़ी में नवाब मलिक के खिलाफ समीर वानखेड़े की बहन यास्मिन वानखेड़े ने अंधेरी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष दायर आपराधिक शिकायत में मलिक के खिलाफ आईपीसी (IPC) की धारा 354डी (पीछा करना), 499 (मानहानि) और 509 (महिला की लज्जा का अनादर करने के इरादे से शब्द, इशारा करना) के तहत कार्रवाई की मांग की गई है।

वहीं, यास्मिन ने एनसीपी नेता द्वारा लगाए गए आरोपों के संदर्भ में अपनी शिकायत में कहा कि मलिक ने उनके खिलाफ मानहानि और निंदनीय निराधार आरोप लगाए हैं, जो अच्छी तरह से जानते हैं कि उक्त आरोप ‘‘बिल्कुल असत्य’’ है। शिकायत में दावा किया गया है कि शिकायतकर्ता के भाई के खिलाफ व्यक्तिगत ‘‘द्वेष और प्रतिशोध’’ के कारण आरोपी ने शिकायतकर्ता और उसके परिवार के खिलाफ झूठे, मानहानि और निराधार आरोप लगाना शुरू कर दिया। अब ऐसे में देखना होगा कि आगे चलकर यह पूरा मामला क्या रुख अख्तियार करता है।

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