नई दिल्ली। विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को मणिपुर के मसले पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने गया था। विपक्षी सांसदों का नेतृत्व कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कर रहे थे। विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मणिपुर हिंसा के मामले पर अपनी बात कही। विपक्षी दलों की तरफ से राष्ट्रपति से शिकायत की गई कि पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार इस मामले में संसद में कोई चर्चा नहीं करा रही है। विपक्षी सांसदों के साथ एनसीपी के नेता शरद पवार भी गए थे। इसके ठीक बाद शरद पवार इन सांसदों के साथ नहीं दिखे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात और मोदी सरकार की शिकायत के बाद जब विपक्षी सांसदों का दल राष्ट्रपति भवन से बाहर आया और मीडिया से मुखातिब हुआ, तो शरद पवार साथ मौजूद नहीं थे। देखा गया कि खरगे कुछ वक्त तक अगल-बगल ताकते रहे। शायद उनको लग रहा होगा कि शरद पवार भी आते होंगे, लेकिन मीडिया से विपक्षी सांसदों की बात पूरी हो गई और शरद पवार नहीं आए। हालांकि, शरद पवार ने पहली बार ऐसा नहीं किया है। वो पहले भी विपक्षी दलों को गच्चा दे चुके हैं। ताजा मामला हाल का ही है। जब शरद पवार रात में ही पुणे चले गए थे और उनसे मिलने आए विपक्षी दलों के कुछ नेताओं से उन्होंने मुलाकात नहीं की थी।
पुणे पहुंचकर शरद पवार लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह के मंच पर दिखे। जहां पीएम मोदी को पुरस्कार दिया जा रहा था। पवार ने मोदी से हंस-हंसकर बातें की और हाथ मिलाया। वो मोदी की पीठ भी थपथपाते दिखे। ये सब देखकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने शरद पवार से भ्रम दूर करने की भी मांग कर दी थी। अशोक चव्हाण के इस मांग के एक दिन बाद ही शरद पवार ने विपक्ष के बाकी नेताओं के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात की, लेकिन बाद में वो लापता हो गए।