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क्या देश में इस्लामी कट्टरपंथ सिर उठा रहा है ? जानिए आखिर NDTV को क्यों डिलीट करना पड़ा अपना ट्वीट

नई दिल्ली। न्यूज चैनल NDTV ने एक खबर कोरोना पर बनाई। उसमें लगी फोटो पर बवाल खड़ा हो गया। वजह ये थी कि फोटो में एक मुसलमान का कोरोना सैंपल लेते हुए दिखाया गया था। ट्विटर पर यह खबर पोस्ट होते ही एनडीटीवी के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा। सिर्फ गुस्सा नहीं फूटा, संस्थान को भद्दी गालियां तक दी गईं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या देश में इस्लामी कट्टरपंथ बढ़ रहा है? न्यूज चैनल ने दो दिन पहले कोरोना के केस बढ़ने की खबर लगाई थी। इस खबर में लोगों को कोरोना से सावधान किया गया था। संस्थान ने खबर के ट्वीट के साथ फोटो में एक मुसलमान शख्स का कोरोना सैंपल लेने वाला फोटो लगा दिया। इसी पर हंगामा मच गया। आम यूजर तो छोड़िए, राहुल गांधी के करीबी शरजील उस्मानी तक ने एनडीटीवी पर सवाल उठा दिए।

शरजील ने ट्वीट किया कि एनडीटीवी में इस फोटो को इस्तेमाल करने का फैसला करने वाला कौन है ? उस्मानी ने धमकी भरे अंदाज में ये भी लिखा कि उनका मैसेज बॉक्स खुला हुआ है और एनडीटीवी के कर्मचारी चाहें तो उसका नाम उन्हें बता सकते हैं।

शरजील के इस ट्वीट पर एनडीटीवी की मैनेजिंग एडिटर सोनिया सिंह ने उन्हें फटकार लगाई। सोनिया सिंह ने कहा कि इस तस्वीर में मुझे एक भारतीय का कोरोना टेस्ट होता दिख रहा है। हमारी टीम को अपने एजेंडा का शिकार बनाने की अपनी कोशिश बंद कीजिए। बहरहाल, सोनिया सिंह ने शरजील को फटकार तो लगा दी, लेकिन एनडीटीवी के इस ट्वीट पर तमाम और यूजर भी उससे पहले आ गए थे। इनमें से कई ने कहा कि मुसलमानों को बलि का बकरा बनाना बंद कर दो। यहां तक कि कई यूजर ने एनडीटीवी के लिए भद्दी गालियों का अंबार लगा दिया।

आखिरकार नतीजा ये हुआ कि एनडीटीवी को यह ट्वीट डिलीट करना पड़ा, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर मुसलमान की फोटो लगाने में दिक्कत क्या है ? क्या एक फोटो लगाने पर मीडिया संस्थान को धमकी और गाली देना सही है ? या फिर इस पूरे मामले को इस्लामी कट्टरपंथ के बढ़ने का सबूत माना जाए और ये समझा जाए कि इस कट्टरपंथ के सामने एनडीटीवी झुक गया!

इस मामले में सोशल मीडिया पर लोगों का क्या कहना है

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