नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें 2 अगस्त के फैसले की समीक्षा की मांग की गई थी। इस फैसले में शीर्ष अदालत ने नए सिरे से NEET-UG 2024 परीक्षा आयोजित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने मामले की सुनवाई खुली अदालत में करने का अनुरोध भी ठुकरा दिया। यह याचिका काजल कुमारी ने दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि परीक्षा में पेपर लीक के कारण सभी परीक्षार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए पुन: परीक्षा होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि परीक्षा दोबारा नहीं होगी।
कोर्ट ने बताई याचिका खारिज करने की वजह
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला तथा मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि फैसले में कोई त्रुटि नहीं है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड को देखने पर भी कोई ऐसी गलती नहीं मिली, जिससे यह संकेत मिले कि पुनर्विचार आवश्यक है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट रूल्स 2013 के आदेश XLVII नियम 1 के तहत इस मामले में पुनर्विचार की कोई स्थिति नहीं बनती, इसलिए याचिका खारिज की जाती है।
Supreme Court has dismissed the review petition against judgment refusing to order re-examination for NEET-UG 2024. pic.twitter.com/aE4jJBteX5
— ANI (@ANI) November 6, 2024
पहले का आदेश और पेपर लीक की बात
इससे पहले 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 को दोबारा कराने से इनकार करते हुए कहा था कि पूरे देश में पेपर लीक की घटनाएं व्यापक नहीं थीं और केवल दो स्थानों तक ही सीमित थीं। इस कारण सभी सेंटर पर परीक्षा रद्द करना व्यावहारिक नहीं है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि उनके पास ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह लगे कि लीक प्रणालीगत था या पूरे देश में इसका प्रभाव पड़ा था। इसी आधार पर पुनर्विचार की मांग को नकार दिया गया।
पैनल की नियुक्ति और सुधारों की सिफारिश
केंद्र सरकार ने परीक्षा प्रक्रिया की समीक्षा के लिए पूर्व इसरो प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया था। यह पैनल राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के कार्यों की समीक्षा करेगा और परीक्षा प्रणाली में सुधार के उपायों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पैनल की यह रिपोर्ट परीक्षा प्रणाली में संभावित खामियों को दूर करने में सहायक होगी।