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Anti-Conversion Law: हरियाणा में धर्मांतरण को लेकर लागू हुआ नया कानून, दोषी पाए जाने पर 10 साल की जेल!

नई दिल्ली। देश में बीते कई समय से जबरन धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे हैं। लगातार ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि कभी लालच देकर तो कभी जबरदस्ती लोगों को धर्म बदलने के लिए मजबूर किया जा रहा है। अब जबरन धर्मांतरण के मामलों का ग्राफ बढ़ता देख हरियाणा सरकार ने नया कानून लागू कर दिया है। राज्य में इस धर्मांतरण विरोधी कानून (Haryana Anti-Conversion Law) के लागू होने के बाद अब कोई भी सिर्फ शादी के लिए अपने धर्म नहीं बदल सकेगा। वहीं, अगर कोई कानून तोड़ता है तो उसे 10 साल तक की सजा भी हो सकती है।

बता दें, हरियाणा सरकार की तरफ से इस साल मार्च के बजट सत्र के दौरान एक विधेयक को पारित किया गया था। इस महीने दिसंबर में कैबिनेट मीटिंग के दौरान इसके लिए नियमों को तय किया गया। राज्य में बीते 4 सालों में जबरन धर्म परिवर्तन (Conversion) के 127 मामले सामने आ चुके हैं। इन मामलों की बढ़ती संख्या को देखने के बाद ही राज्य सरकार ने इसके खिलाफ कानून लागू किया है। हरियाणा 11वां भाजपा शासित प्रदेश बन गया है जहां धर्मांतरण विरोधी कानून बनाया गया है।

इस शर्त पर हो सकेगा धर्म परिवर्तन

अगर आप हरियाणा के निवासी हैं और अपनी मर्जी से ही दूसरे धर्म को अपनाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको मजिस्ट्रेट से इजाजत लेनी होगी। हालांकि अगर कोई जबरन किसी पर शादी के लिए धर्मांतरण का दबाव बनाता है और दोषी पाया जाता है तो ऐसे व्यक्ति को 10 साल तक की सजा भुगतनी होगी। अगर आरोपी का निधन हो जाता है तो उसकी जितनी भी चल-अचल संपत्ति होगी उसे बेचकर पीड़ित की सहायता की जाएगी।

इसके अलावा हरियाणा में लागू हुए इस कानून के तहत धर्मांतरण के बाद हुई शादी से हुए बच्चों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी भी आरोपी व्यक्ति की होगी। पूरी तरह से बालिग होने तक आरोपी को उनकी जरूरतों को पूरा करना होगा। इसके अलावा कानून का उल्लंघन संज्ञेय अपराध और गैर जमानती होगा। जानकारी के लिए बता दें कि संज्ञेय अपराध के तहत पुलिस के पास अधिकार होता है कि वो बिना वारंट के भी किसी को गिरफ्तार कर सकता है।

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