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Alarming: नेपाल से सटे यूपी के इलाकों में मस्जिदों और मदरसों की संख्या में बड़ा इजाफा, चौंका देंगे आंकड़े

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नई दिल्ली। यूपी में साल 2017 से बीजेपी की सरकार है। बीजेपी की सरकार पर विपक्षी दल सपा, बीएसपी और कांग्रेस लगातार मुसलमानों के उत्पीड़न का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन कुछ आंकड़े ऐसे भी हैं, जिनसे साफ होता है कि बीजेपी की योगी सरकार के दौरान यूपी के एक खास इलाके में मुस्लिमों का प्रभाव बढ़ा है। पिछले साल तक के आंकड़े बता रहे हैं कि यूपी में योगी सरकार के सत्ता संभालने के बाद नेपाल सीमा से सटे इलाकों में मस्जिदों और मदरसों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई।

अब जरा उस रिपोर्ट के आंकड़ों पर एक बार फिर गौर कर लेते हैं। ये रिपोर्ट भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा करने वाले सशस्त्र सीमा बल ने तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल सीमा के आसपास 2018 तक 738 मस्जिदें थीं। जबकि, साल 2021 यानी बीते साल तक मस्जिदों की संख्या बढ़कर 1000 हो गई। इसी तरह रिपोर्ट में इस्लामी शिक्षा के केंद्र यानी मदरसों का आंकड़ा भी दिया गया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि साल 2018 में नेपाल से सटे यूपी के जिलों में 500 मदरसे थे। जिनकी तादाद बढ़कर 645 हुई। कुल मिलाकर यूपी के सीमावर्ती इलाकों में 2018 से 2021 यानी तीन साल में मस्जिदों और मदरसों की संख्या में 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

यूपी की साल 2011 की जनगणना के मुताबिक 19.3 फीसदी मुस्लिम आबादी है। मुसलमानों की आबादी पूर्वांचल, पश्चिम और अवध इलाके में ज्यादा है। इसके अलावा नेपाल सीमा से सटे इलाकों में इनकी संख्या ज्यादा है। भारत और नेपाल की सीमा कुल 1751 किलोमीटर लंबी है। इसमें यूपी के साथ लगती 570 किलोमीटर सीमा है। यूपी में नेपाल से सटे इलाकों में 30 थाने हैं। जिन जिलों में मस्जिद और मदरसों की तादाद बढ़ी है, वे हैं लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, महाराजगंज और सिद्धार्थनगर। एसएसबी के मुताबिक, इन आंकड़ों से यूपी और नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में डेमोग्राफिक बदलाव के संकेत मिलते हैं।

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