नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम गड़ा में स्थित हनुमान मंदिर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने धार्मिक और राजनैतिक बयानों को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। उनका चर्चाओं में रहना इसलिए भी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि उनके लाखो करोड़ों की संख्या में भक्त हैं। मौजूदा समय में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बिहार में एक कार्यक्रम कर रहे हैं। इस बीच वो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने राष्ट्रपति भवन भी पहुंचे। सोशल मीडिया पर जमकर सुर्ख़ियों में रहने वाले धीरेंद्र शास्त्री का उनसे मिलने का उद्देश्य क्या है ये नहीं पता, जो तस्वीर सोशल मीडिया पर छाई हुई है उसमें स्पष्ट तौर पर नजर आ रहा है कि वो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक बुके भेंट कर रहे हैं। ये तस्वीर बागेश्वर धाम सरकार के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से पोस्ट की गई है। इस तस्वीर में लिखा गया है कि, ‘8 मार्च 2024 महाशिवरात्रि के अवसर पर पंचम कन्या विवाह मोहत्सव के आमंत्रण हेतु आज भारत के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी से मिलने राष्ट्रपति भवन पहुंचे।’
जानकारी के लिए आपको बता दें कि उनके भक्तों की संख्या लाखों में है इसी के चलते नेताओं को भी उनके दरबार में देखा जाता है। हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी उनसे मिलने दरबार में गए थे। लेकन फिर सवाल ये पैदा होता है कि एक धर्मगुरु को लेकर बिहार में बवाल क्यों मचा है ? जानकारी के अनुसार बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्णा शास्त्री का पांच दिन का कार्यक्रम पटना में भी होना है। 13 मई को वह पटना पहुंचने वाले हैं। इससे पहले आरजेडी और भाजपा में ठनी हुई है। आरजेडी ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का विरोध करने का ऐलान कया है। वहीं भाजपा के सारे ही नेता धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में आकर खड़े हो गए हैं। इसी तनातनी के बीच धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने राष्ट्रपति से मुलाकात की।
कुछ दिनों पहले आपने बिहार के शिक्षा मंत्री का वो बयान सुना ही होगा जिसमें उन्होंने रामचरितमानस को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की थी, बिहार के ये शिक्षा मंत्री हैं प्रो चंद्रेशेखर, जिन्होंने हाल ही में कहा था कि अगर बागेश्वर वाले बाबा बिहार में नफरत फैलाने आ रहे हैं तो सरकार इसकी इजाजत नहीं देगी। उन्होंने कहा, ये छद्म लोग हैं और अपनी दुकान चलाने के जुगत भिड़ा रहे हैं। गौर करने वाली बात ये है कि इस पूरे मुद्दे पर सियासी हवा अब गर्म हो गई है। बिहार में विधानसभा नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार की धरती ज्ञान विज्ञान और शांति की धरती रही है इसलिए कोई भी संत अगर आता है तो उसका स्वागत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस धरती पर अतिथि को भगवान की तरह पूजा जाता है। उन्होंने कहा कि धर्म निरपेक्षता का मतलब यह नहीं है कि अपने धर्म का का सम्मान करना भूल जाएं। ये हमारी संस्कृति के विरुद्ध होगा।