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New Vande Bharat Express And Vande Metro: देश को मिल रहा 11 नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का तोहफा, गुजरात में चलेगी पहली वंदे मेट्रो ट्रेन; जानिए किन शहरों के बीच दौड़ेंगी?

Vande Bharat Express Rajasthan

नई दिल्ली। देशवासियों को एक साथ 11 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों और देश की पहली वंदे मेट्रो ट्रेन की सौगात मिलने जा रही है। पीएम नरेंद्र मोदी आज और सोमवार को इन वंदे भारत एक्सप्रेस और वंदे भारत मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इनमें से कई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन यूपी और पश्चिम बंगाल को मिल रही हैं। बिहार और ओडिशा को भी नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का तोहफा मिलने जा रहा है। वहीं, पहली वंदे मेट्रो ट्रेन गुजरात में चलेगी।

पीएम मोदी जिन नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने वाले हैं, उनमें बोकारो और कोडरमा के रास्ते टाटानगर-पटना, दुमका के रास्ते भागलपुर-हावड़ा, गया-हावड़ा, ब्रह्मपुर-टाटानगर, वैद्यनाथ धाम-वाराणसी, गया, नवादा और सासाराम के रास्ते राउरकेला-हावड़ा, नागपुर-सिकंदराबाद, टूंडला, इटावा, कानपुर और प्रयागराज के रास्ते आगरा कैंट-वाराणसी, रायपुर-विशाखापटनम, पुणे-हुबली, लखनऊ और प्रयागराज के रास्ते वाराणसी-नई दिल्ली चलने जा रही हैं। वहीं, पहली वंदे मेट्रो ट्रेन भुज और अहमदाबाद के बीच चलेगी। पहली 6 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को पीएम मोदी झारखंड के टाटानगर के दौरे के वक्त हरी झंडी दिखाएंगे। अन्य वंदे भारत एक्सप्रेस और वंदे मेट्रो ट्रेन को वो गुजरात के दौरे में रवाना करेंगे।

पहली बार ऐसा हो रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को पीएम मोदी लगातार 2 दिन में हरी झंडी दिखाएंगे। गुजरात के लोगों के लिए पहली वंदे मेट्रो ट्रेन भी पीएम मोदी बतौर सौगात दे रहे हैं। इस वंदे मेट्रो ट्रेन में 1150 यात्री बैठकर और 2058 यात्री खड़े होकर यात्रा कर सकेंगे। वंदे मेट्रो ट्रेन हफ्ते में 5 दिन चलेगी। पूरी तरह वातानुकूलित वंदे मेट्रो का सबसे कम किराया 30 रुपए रखा गया है। पीएम मोदी चाहते हैं कि जनता को तेज रफ्तार ट्रेनों के जरिए यात्रा का विकल्प मिले। इसी सोच के कारण वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को लगातार शुरू किया जा रहा है। इस साल के अंत तक स्लीपर कोच वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन भी शुरू होने की उम्मीद है। इससे लंबी दूरी की यात्रा की जा सकेगी। अभी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को 700-800 किलोमीटर तक की दूरी के लिए ही चलाया जाता है। इस वजह से इनमें सिर्फ सिटिंग की व्यवस्था यात्रियों को मिलती है।

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