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Unacademy: ‘अगली बार पढ़े लिखे को वोट देना..’, अनअकैडमी के टीचर ने की ये अपील, तो गंवानी पड़ी नौकरी, CM केजरीवाल ने भी किया ट्वीट

नई दिल्ली। किसे वोट देना है या किसे नहीं? यह तो फिलहाल हर किसी का निजी मत होता है। ये और बात है कि चुनावी मौसम में बहुधा सियासी नुमाइंदों द्वारा लुभावने वादों का सहारा लेकर आम जनता को रिझाने की कोशिश की जाती है। अब जनता राजनेताओं के इन लुभावने वादों से कितना प्रभावित हो पाती है। यह तो फिलहाल उनके ऊपर निर्भर करता है, लेकिन आपको बता दें कि अनअकेडमी के एक टीचर ने अपने विधार्थियों से अपील की कि वो अगली बार किसी पढ़े लिखे को ही वोट दें। जिसके बाद उस टीचर को अपनी नौकरी गंवानी पडी। अब इस पर राजनीति गरमा गई है। वहीं, सीएम केजरीवाल ने भी इसकी आलोचना की है। आखिर उन्होंने क्या कुछ कहा है? आखिर पूरा माजरा क्या है? विस्तार से समझने के लिए पढ़िए हमारी ये खास रिपोर्ट।


देखिए ये वीडियो

दरअसल, बीते दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें अनअकैडमी में कार्यरत एक टीचर करण संगवान ने अपने स्टूडेंट्स को पढ़ाते दौरान अपील की थी कि वो अगली बार किसी पढ़े लिखे राजनेता को ही वोट करें। टीचर करण संगवान यह कहते हुए देखे जा रहे हैं कि एक बात याद रखो कि अगल बार किसी को भी वोट दो तो किसी पढ़े इंसान को ही अपना वोट देना, ताकि यह सबकुछ दोबारा जिंदगी में ना झेलना पड़े। ऐसे इंसान को चुने जो कि पढ़ा लिखा हो। समझ सकें चीजों को। सिर्फ ऐसे इंसान को ना चुने जिन्हें सिर्फ बदलना आता हो। नाम चेंज करना आता हो, इसलिए आप सही निर्णय लें।

बता दें कि करण सांगवान का यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुआ । जिसकी किसी ने तारीफ की तो किसी ने आलोचना। वहीं, अब जिस तरह से उन्हें नौकरी से हटा दिया गया है, उसके बाद से राजनीति गरमा गई है। हालांकि, अब उन्होंने इस पर चुप्पी तोड़़ी है। जिसमें उन्होंने अपना विदाई संदेश लिखा है। वहीं, अब इस पूरे प्रकरण पर सीएम केजरीवाल की ओर से क्या बयान सामने आया है। आइए , आगे जानते हैं।

क्या बोले सीएम केजरीवाल?

दरअसल, सीएम केजरीवाल ने इस पूरे प्रकरण पर ट्वीट कर कहा कि , ‘क्या पढ़े लिखे लोगों को वोट देने की अपील करना अपराध है? यदि कोई अनपढ़ है, व्यक्तिगत तौर पर मैं उसका सम्मान करता हूँ। लेकिन जनप्रतिनिधि अनपढ़ नहीं हो सकते। ये साइंस और टेक्नोलॉजी का ज़माना है। 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण अनपढ़ जनप्रतिनिधि कभी नहीं कर सकते। बहरहाल, इस पूरे विषय को लेकर सियासत गरम है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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