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Nikita Tomar Murder Case: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने तौसीफ और रेहान को माना दोषी, 26 मार्च को होगा सजा पर फैसला

Nikita Murder

नई दिल्ली। पिछले साल 26 अक्टूबर को बल्लभगढ़ थाना शहर इलाके के मिल्क प्लांट रोड स्थित अग्रवाल कॉलेज के सामने शाम चार बजे के करीब बीकॉम अंतिम वर्ष की एक छात्रा निकिता तोमर का कार सवार दो युवकों ने अपहरण करने का प्रयास किया था, जिसमें नाकाम रहने पर उनमें से एक युवक ने छात्रा निकिता को गोली मार दी थी। इस मामले में अब मुख्य अभियुक्त तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को फरीदाबाद फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी ठहराया है। वहीं तीसरा आरोपी अजरुद्दीन, जिसने इस वारदात में हथियार उपलब्ध कराया था उसे बरी कर दिया गया है। बता दें कि अदालत इस वारदात में दोषी पाए गए तौसीफ और रेहान की सजा पर 26 मार्च को अपना फैसला सुनाएगी।

इसके अलावा बुधवार को एक और गैंगरेप-हत्याकांड में अदालत ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर (Bulandshahr) के बहुचर्चित आरुषि गैंगरेप और हत्याकांड (जिसमें चलती कार में गैंगरेप और हत्याकांड को अंजाम दिया गया था) मामले में बुधवार को फैसला आया है।

इस केस में पॉक्सो कोर्ट (POCSO Coyrt) ने तीनों गुनहगारों को फांसी (Capital Punishment) की सजा सुनाई है। गौरतलब है कि 2 जनवरी, 2018 को आरुषि को उस वक्त अगवा किया गया था जब वो ट्यूशन से घर लौट रही थी। इसके बाद उसके साथ गैंगरेप किया गया फिर हत्या कर दी गई थी। इतना ही नहीं पीड़िता के शव को दादरी क्षेत्र में नहर में फेंक दिया। इस मामले में सिकंदराबाद निवासी आरोपी इजराइल, जुल्फिकार और दिलशाद को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जिन्हें अदालत ने अब फांसी की सजा सुनाई है।

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