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निर्भया केस में दोषी विनय को लगा सुप्रीम कोर्ट से झटका, फांसी का रास्ता हुआ साफ

नई दिल्ली। निर्भया केस में चारों दोषियों में से एक विनय शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। विनय शर्मा ने राष्ट्रपति द्वारा खारिज की गई उसकी दया याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जिसके बाद अब विनय के पास फांसी से बचने का कोई रास्ता नहीं बचा है।

बता दें कि दोषी विनय शर्मा के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका के जरिये दावा किया था कि उसके मुवक्किल की जेल में यातना के कारण दिमागी हालत खराब हो गई है। याचिका में मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने का कोर्ट से अनुरोध किया गया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि विनय मनोवैज्ञानिक रूप से फिट है और उसकी मेडिकल स्थिति स्थिर है।

अदालत ने गुरुवार को निर्भया दुष्कर्म और हत्या मामले में अधिवक्ता रवि काजी को दोषियों में से एक पवन गुप्ता की ओर से प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया था। चारों दोषियों में से सिर्फ पवन के पास ही सुधारात्मक और दया याचिका का विकल्प है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा, “मैं समझता हूं कि पवन के कानूनी वकील को भी थोड़ा समय मिलना चाहिए, ताकि वह मुवक्किल का प्रभावी प्रतिनिधित्व कर सकें और दोषी को कानूनी सहायता महज दिखावा या सतही कार्रवाई जैसी नहीं लगे।”

जस्टिस आर भानुमति हुई बेहोश

बता दें कि शुक्रवार को विनय की याचिका पर सुनवाई के दौरान मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस आर भानुमति बेहोश हो गईं। जिसके बाद बेंच सुनवाई को बीच में छोड़कर ही चली गई। फैसला लिखवाने से पहले जस्टिस भानुमति को चक्कर आए। पहले मुंह खोलकर बेचैनी भरी गहरी गहरी सांसें लीं, फिर कुर्सी पर ही गर्दन लुढ़क गई। जब तक लोग समझते और महिला स्टाफ संभालते तब तक वो होश में आ गईं। लगभग 20-30 सेकेंड बाद जस्टिस भानुमति होश में आ गईं। इसके बाद तीनों जज चेंबर में गए।

अगली सुनवाई 20 फरवरी को

सूत्रों के मुताबिक जस्टिस भानुमति चेंबर में भी कुछ सेकेंड के लिए बेहोश हुई। कहा जा रहा है कि उनको बुखार भी है और उनका रक्तचाप भी बढ़ा हुआ था। अब मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।

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