नई दिल्ली। नीति आयोग ने देश के लिए उत्साहजनक खबर दी है। पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के दौर में भारत से गरीबी मिटती दिख रही है। नीति आयोग ने आंकड़ों के जरिए बताया है कि भारत में गरीबों की तादाद में भारी गिरावट आई है। पिछले 5 साल के आंकड़ों के हिसाब से नीति आयोग का कहना है कि गरीबों का प्रतिशत 24.85 से गिरकर 14.96 फीसदी हो गया है। नीति आयोग के मुताबिक यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या सबसे ज्यादा कम हुई है। नीति आयोग का कहना है कि अकेले यूपी में ही 3.42 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।
In 5 years, an unprecedented sustained developmental focus on health, nutrition and education helped 13.5 crore people escape multidimensional poverty as per National #MPI review 2023.
Uttar Pradesh takes lead in terms of poverty reduction with 34.27 million people exiting… pic.twitter.com/nAl7pnVAeU
— NITI Aayog (@NITIAayog) July 17, 2023
नीति आयोग ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उनमें बताया गया है कि गरीबी से जुड़े 12 संकेतकों में पिछले 5 साल में जबरदस्त गिरावट आई है। नीति आयोग का कहना है कि सकारात्मक और लक्ष्य प्रधान सरकारी हस्तक्षेप की वजह से गरीबी रेखा से लोगों को बाहर लाने में मदद मिली है। इससे पहले बीती 11 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के गरीबी और मानव विकास पहल (ओपीएचआई) की रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत में 15 साल में 41.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले थे। बता दें कि भारत में पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार पिछले 9 साल से केंद्र की सत्ता में है।
यूएनडीपी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में बताया गया था कि 2005-2006 के दौरान भारत में लगभग 64.5 करोड़ लोग गरीब थे। ये तादाद 2015-2016 में घटकर करीब 37 करोड़ और 2019-2021 में कम होकर 23 करोड़ हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक सबसे गरीब राज्यों और समूहों, बच्चे और वंचित जाति के लोगों ने सबसे तेजी से तरक्की की है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पोषण संकेतक के तहत बहुआयामी रूप से गरीब और वंचित लोग 2005-2006 में 44.3 प्रतिशत थे जो 2019-2021 में कम होकर 11.8 प्रतिशत हो गए। इस दौरान और बाल मृत्यु दर भी 4.5 प्रतिशत से घटकर 1.5 प्रतिशत हो गई।