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VIDEO: ‘लोग मुझे बाजार में बेच..’ नीतीश के मंत्री चंद्रशेखर ने भगवान राम पर दिया विवादित बयान

Chand shekhar

नई दिल्ली। बिहार में नीतीश सरकार के शिक्षा मंत्री और आरजेडी नेता चंद्रशेखर यादव (Bihar Education Minister Chandra Shekhar Yadav) लगातार अपने विवादित बयान की वजह से सुर्खियों में है। हाल ही में चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने हिंदू पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस की तुलना पोटैशियम सायनाइड से कर डाली थी। जिसको लेकर जमकर सियासत भी देखने को मिली। भाजपा ने उनके बयान की कड़ी आलोचना भी की। रामचरितमानस पर दिए गए बयान को लेकर विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि इस बार नीतीश के मंत्री ने भगवान राम पर अमर्यादित टिप्पणी कर डाली। इतना ही नहीं चंद्रशेखर यादव ने ये भी कहा कि भगवान राम उनके सपने में आए थे।

दरअसल बिहार के सुपौल में एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने कहा कि भगवान राम मेरे सपने में आए और मुझको बोले चंद्रशेखर हमको बाजार में बेच रहे है बाजार में हमको बिकने से बचा लो। वहीं वीडियो सामने आने के बाद अब चंद्रशेखर यादव के खिलाफ लोगों का आक्रोश फिर से फूट रहा है। सोशल मीडिया पर लोग उनके बयान की कड़ी आलोचना कर रहे है। साथ ही यूजर्स का कहना है कि उन्होंने भगवान राम का अपमान किया है।

क्या था चंद्रशेखर का विवादित बयान

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने पहले रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था और इस बार भगवान राम को लेकर ही उनके बोल बिगड़ गए। शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर ने उस समय विवाद खड़ा कर दिया जब वह सुपौल जिले के पिपरा के रामपुर गांव में दिवंगत शिक्षक नेता लक्ष्मी यादव की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने दावा किया कि भगवान राम उनके सपने में आकर संदेश दे रहे हैं। चन्द्रशेखर के अनुसार राम ने उन्हें सावधान करते हुए कहा, “देखो चन्द्रशेखर, इन लोगों ने बाजार बेच दिया है। हमें बिकने से बचा लो।” उन्होंने बताया कि इसी वजह से कभी-कभार ऐसे बयान सामने आते हैं. चन्द्रशेखर ने यह भी उल्लेख किया कि भगवान राम ने शबरी द्वारा चढ़ाए गए बेर जामुन खाए थे। आज शबरी के पुत्र मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते, क्योंकि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को मंदिर में जाने की मनाही है। उन्हें गंगा जल से विधिपूर्वक शुद्ध किया जाता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि भगवान राम द्वारा चढ़ाए गए बेर खाने के कृत्य ने एक गहरा संदेश दिया। राम ने अनुमान लगाया था कि यदि वे भाग लेंगे, तो दुनिया भी उनका अनुसरण करेगी, लेकिन उन्होंने उन्हें अछूता छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने खाली छिलकों को एक वसीयतनामा के रूप में छोड़ दिया, जो इस बात का प्रतीक है कि उनके कार्यों का अनुकरण नहीं किया जाना चाहिए।

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