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Amarnath Flash Flood: 16 मौतें, 65 घायल और 40 से ज्यादा लापता, अमरनाथ में सैलाब आने की वजह का अब हुआ खुलासा

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नई दिल्ली/जम्मू। अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार को अगर बादल नहीं फटा, तो इतना सैलाब कहां से आया? ये सवाल अब उठ रहा है। बता दें कि शुक्रवार को शाम करीब साढ़े 5 बजे अमरनाथ गुफा के पीछे से पानी का सैलाब आने की वजह से 16 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है और 65 घायल हुए हैं। इसके अलावा अब भी तीन दर्जन से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्र ने मीडिया से बताया है कि अमरनाथ गुफा के पीछे बादल नहीं फटा था। उन्होंने कहा कि इलाके में ज्यादा बारिश से शायद सैलाब आया होगा। मौसम विभाग ने मंदिर के आसपास शुक्रवार शाम साढ़े 4 बजे से साढ़े 6 बजे के बीच 31 मिलीमीटर बारिश दर्ज की है।

महापात्र के मुताबिक पहाड़ों में ऊंचाई पर तेज बारिश की वजह से अचानक बाढ़ आने की आशंका रहती है। उन्होंने कहा कि चूंकि वहां 31 मिलीमीटर बारिश ही दो घंटे में दर्ज हुई, इसलिए इसे बादल फटना नहीं कहेंगे। बादल फटने की बात उस वक्त होती है, जब एक घंटे में 100 मिलीमीटर या इससे ज्यादा बारिश हो। वहीं, इस हादसे के बाद अब भी 65 लोगों का अस्पताल में इलाज जारी है। मृतकों की संख्या भी बढ़कर 16 हो गई है। मृतकों में 7 पुरुष और 6 महिलाएं हैं। 2 शवों की अब तक पहचान नहीं की जा सकी है। 40 से ज्यादा लोगलापता हैं। इनकी तलाश के लिए सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस भी लगाई गई है।

बता दें कि शुक्रवार शाम को जब अमरनाथ गुफा में दर्शन करने गए लोगों की भीड़ इकट्ठा थी, तो अचानक मंदिर के पीछे से सैलाब आ गया था। सैलाब के साथ मलबा आया और इससे तमाम टेंट भी बह गए थे। श्रद्धालुओं को भी सैलाब अपने साथ बहा ले गया। ज्यादातर लोगों की मौत मलबे में दबने की वजह से हुई। सेना और आईटीबीपी के डॉग स्क्वॉड ने मलबे में दबे लोगों को खोजकर निकाला। जिसकी वजह से बड़ी तादाद मे लोग बचाए जा सके। फिलहाल यात्रा को रोक दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक सोमवार या मंगलवार तक यात्रा फिर एक बार शुरू होने की उम्मीद है।

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