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Vice President Jagdeep Dhankar Said Parliament Is Supreme : ‘संसद से ऊपर कोई नहीं’, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर मुखर होकर कही बात

Vice President Jagdeep Dhankar Said Parliament Is Supreme : दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति बोले, चयनित सांसद ही तय करेंगे कि संविधान कैसा होगा। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को हमेशा संविधान के मुताबिक अपनी बात रखनी चाहिए क्योंकि ऐसे लोगों की बात का समाज पर असर होता है। साथ ही उन्होंने लोकतंत्र में बातचीत और खुली चर्चा करने पर जोर दिया।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा राष्ट्रपति को निर्देशित टिप्पणी को लेकर जारी विवाद के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़  ने एक बार फिर मुखर होते हुए कहा है कि संसद से ऊपर कोई नहीं है। संसद देश की सर्वोच्च संस्था है और चयनित सांसद ही तय करेंगे कि संविधान कैसा होगा। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को हमेशा संविधान के मुताबिक अपनी बात रखनी चाहिए क्योंकि ऐसे लोगों की बात का समाज पर असर होता है। साथ ही उन्होंने लोकतंत्र में बातचीत और खुली चर्चा करने पर जोर दिया।

भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित ‘कर्तव्यम’ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जगदीप धनकड़ ने यह बाते कहीं। उन्होंने कहा कि मैंने इससे पहले जो बयान दिया था वो देशहित में ही था। बता दें कि हाल ही में तमिलनाडु सरकार और प्रदेश के राज्यपाल से जुड़े एक मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि विधानसभा द्वारा भेजे गए बिल पर राज्यपाल को एक महीने के अंदर निर्णय लेना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि राज्यपाल के पास वीटो पावर नहीं है। इसी के साथ सर्वोच्च न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी बिल पर राष्ट्रपति को 3 महीने में फैसला करना होगा। इसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर नाराजगी जताई थी।

धनकड़ ने कहा था कि हम ऐसी स्थिति नहीं बना सकते जहां अदालतें राष्ट्रपति को निर्देश दें। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान का अनुच्छेद 142, जो सुप्रीम कोर्ट को विशेष अधिकार देता है वो लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ न्यायपालिका के लिए चौबीस घंटे उपलब्ध एक परमाणु मिसाइल बन गया है। दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज यशवंत वर्मा के घर कैश बरामदगी मामले पर भी धनकड़ ने जजों को घेरा था। वहीं कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने उपराष्ट्रपति के बयान की निंदा करते हुए आरोप लगाया था कि वो न्यायपालिका को कमतर करना चाहते हैं।

 

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