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West Bengal Violence: जहां हमारे सुरक्षा बल तैनात थे वहां नहीं हुई कोई हिंसा, ममता सरकार के आरोपों पर गृह मंत्रालय ने दिया जवाब

West Bengal Violence: ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल सरकार के आरोपों पर जवाब देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने सीएपीएफ की 825 कंपनियों की मांग की थी, जिसमें से 649 कंपनियां राज्य में भेज दी गईं। बाकी सेनाएं अभी भी पश्चिम बंगाल पहुंचाई जा रही हैं।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाओं के बाद तनाव बढ़ गया है और ममता सरकार और राज्य चुनाव आयोग के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हिंसा के लिए राज्य चुनाव आयोग और ममता सरकार दोनों को जिम्मेदार ठहराया है। इसके अलावा, बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई है और गृह मंत्रालय से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया है। इन सबके बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है।

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान बढ़ती हिंसा से कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंता का विषय बन गई है। राष्ट्रपति शासन और गृह मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग पर अपने बयान में गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि बूथों पर तैनात सीएपीएफ ने कोई हिंसा नहीं देखी और बलों ने प्रभावित क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित की है। गृह मंत्रालय के अनुसार जहां पर भी उनके सुरक्षा बल तैनात थे वहां पर कोई अप्रिय घटना नहीं घटी है। पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा के कारण स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और अधिकारियों को पश्चिम बंगाल में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए तुरंत कोई ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल सरकार के आरोपों पर जवाब देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने सीएपीएफ की 825 कंपनियों की मांग की थी, जिसमें से 649 कंपनियां राज्य में भेज दी गईं। बाकी सेनाएं अभी भी पश्चिम बंगाल पहुंचाई जा रही हैं। लेकिन राज्य सरकार से हमें जिस तरह की सहयोग की उम्मीद थी उतना सहयोग नहीं मिला है। जिसकी वजह से सुरक्षाबलों के पहुंचने में थोड़ी देरी हो रही है।

 

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