तिरुपति। तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर का प्रबंधन संभालने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड यानी टीटीडी ने अपने गैर हिंदू कर्मचारियों को वीआरएस लेने या अन्य विभाग में ट्रांसफर कराने के लिए कहा है। टीटीडी बोर्ड की सोमवार को हुई बैठक में इस बारे में प्रस्ताव पास किए जाने की खबर है। अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक टीटीडी बोर्ड के अध्यक्ष बीआर नायडू ने कहा कि गैर हिंदू कर्मचारियों के लिए ये फैसला हुआ है। टीटीडी बोर्ड के तहत काम करने वाले 7000 में से 300 कर्मचारियों के अलावा यहां ठेके पर काम करने वाले हजारों कर्मचारियों में से कई को नए फैसले के तहत प्रभावित होना पड़ सकता है।
टीटीडी एक्ट में कहा गया है कि यहां सिर्फ हिंदू कर्मचारी ही काम कर सकते हैं। साल 1989 में तत्कालीन आंध्र प्रदेश की सरकार ने आदेश जारी कर कहा था कि टीटीडी में सिर्फ हिंदुओं को ही नियुक्ति दी जाए। इसके बाद भी टीटीडी बोर्ड ने गैर हिंदू कर्मचारियों की नियुक्ति की। आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी-बीजेपी सरकार बनने के बाद टीटीडी में गैर हिंदू कर्मचारियों के मुद्दे ने जोर पकड़ा। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों के यूनियनों ने भी गैर हिंदू स्टाफ को हटाए जाने के मुद्दे पर अपनी सहमति जताई है। बीते कुछ समय से तमाम कारणों से टीटीडी बोर्ड और तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर का प्रबंधन सवालों के घेरे में रहा है।
आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने बीते दिनों ये कहकर सनसनी मचा दी थी कि जगनमोहन रेड्डी की सरकार के दौर में तिरुपति मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर को चढ़ाए जाने वाले लड्डू प्रसादम में इस्तेमाल घी में जानवरों की चर्बी मिली। इस आरोप के बाद मामले की जांच भी शुरू कराई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई है। वहीं, जगनमोहन रेड्डी का कहना है कि उनको बदनाम करने की राजनीतिक साजिश की वजह से लड्डू प्रसादम में चर्बी वाला घी इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाया गया है।