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ऐसे ही नहीं हुई राजस्थान के कोटा में 104 बच्चों की मौत, बदहाली का चरम है कोटा का सरकारी अस्पताल

नई दिल्ली। कोटा के सरकारी जेके लोन हॉस्पिटल में हर तरफ बदहाली की तस्वीर नजर आती है। यहां हुई बच्चों की मौत ने पूरे देश को हिला दिया है। अब तक 104 मासूम जान गवा चुके हैं। कुछ दिनों पहले नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स यानी एनसीपीसीआर की टीम ने इस हॉस्पिटल का दौरा किया था। एनसीपीसीआर की रिपोर्ट हैरान करने वाली है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक इस हॉस्पिटल में कुल 19 वेंटिलेटर हैं जिसमें से 13 वेंटिलेटर खराब हैं। इसी तरह कुल 71 वार्मर हैं जिसमे 44 खराब हैं। 111 में से 81 इन्फ्यूजन पंप खराब हैं। 38 में से 32 ऑक्सीमीटर खराब हैं जबकि कुल 28 में से 22 नेबुलाइजर खराब हैं। यह खराब स्थिति बताती है कि इस अस्पताल में बच्चों की मौत की वजह क्या है?

एनसीपीसीआर ने यह भी पाया कि इस अस्पताल की खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं। इसके भीतर सूअर घूमते हैं। स्टाफ की भी जबरदस्त कमी है। उधर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह बयान कि बच्चे तो मरते रहते हैं, जख्मों को और हरा कर गया। सियासी पार्टियां कांग्रेस पर जमकर वार कर रही हैं।

मायावती ने इशारे इशारे में प्रियंका गांधी पर हमला बोला है। मायावती ने पूछा है कि आखिर वह क्यों इन बच्चों के माता-पिता के पास नहीं गई? क्यों इस पर चुप्पी साधी हुई है? उधर बीजेपी ने भी अपना एक प्रतिनिधिमंडल जांच के लिए इस अस्पताल में भेज दिया है।

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