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 इस तारीख तक नहीं कर पाएंगे प्रत्याशी चुनाव प्रचार, जीत का जश्न मनाने पर भी लगी रोक

Uttrakhand election

नई दिल्ली। कुछ ही महीनों बाद उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनाव के बिगुल बजने वाले हैं। लिहाजा चुनाव में अपनी जीत दर्ज करने के लिए सभी राजनीतिक दल अभी से ही जीतोड़ मेहनत में जुट गए हैं। कोई आम जनता को रिझाने के लिए लुभावने वादे कर रहा है, तो कोई कुछ कर रहा है, तो कोई कुछ कर रहा है। इस स्थिति में किस दल को कितनी कामयाबी मिल पाती है और किसे नहीं। फिलहाल तो यह आने वाला वक्त ही बताएगा।

वहीं, चुनाव आयोग भी आज उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान करने वाला है। आयोग के एलान के बाद आज साफ हो जाएगा कि किस राज्य में कब चुनाव होने वाला है। लेकिन, इससे पहले सभी चुनावी राज्यों समेत सभी सियासी दलों के सियासी नुमाइंदों से जुड़ी एक खबर सामने आ रही है। खबर है कि प्रत्येक राजनीतिक दल के सियासी नुमाइंदे आगामी 15 जनवरी तक चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे। मतलब, साफ है कि अब सभी राजनीतिक दल के सियासी नुमाइंदों को बहुत ही कम समय अपना पूरा दमखम दिखा कर जनता का विश्वास हासिल करना होगा। तभी जाकर कोई बात बन पाएगी। बहरहाल, बीजेपी,कांग्रेस समेत सभी सियासी दलों ने चुनाव को ध्यान में रखते हुए काफी पहले ही चुनाव प्रचार की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेकिन अब चुनाव आयोग की तरफ समय निर्धारित किए जाने के बाद इस बात की पूरी संभावना है कि सभी सियासी दलों द्वारा चुनाव प्रचार तेजी लाई जाए।

इसके साथ ही खबर यह भी है कि चुनाव आयोग की तरफ से एक और बड़ी जानकारी सामने आई है कि कोई भी राजनीतिक दल के नेता को चुनाव में फतह हासिल करने के बावजूद भी अपनी जीत का जश्न नहीं मना पाएगा। आयोग की  तरफ से यह आदेश कोरोना के बढ़ते कहर को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। विदित है कि पिछले कुछ दिनों से कोरोना का कहर अपने चरम पर पहुंचने पर अमादा हो चुका है। इस स्थिति में चनाव आयोग की सबसे बड़ी समस्या यह है कि कैसे भी करके उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनाव को कोरोना के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए कराया जाए।

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