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Z Category Security For Dalai Lama : अब जेड श्रेणी की सुरक्षा में रहेंगे दलाई लामा, आईबी के एलर्ट के बाद गृहमंत्रालय ने बढ़ाई सिक्योरिटी

Z Category Security For Dalai Lama : जेड श्रेणी के तहत दलाई लामा की सुरक्षा में कुल 33 सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे, जिनमें 12 कमांडो और 6 पीएसओ शामिल हैं। इन सुरक्षाकर्मियों में 10 आर्म्ड स्टैटिक गार्ड भी होंगे, जो दलाई लामा के हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में मैक्लोडगंज स्थित आवास पर मौजूद रहेंगे।

नई दिल्ली। तिब्बतियों के सबसे बड़े धर्म गुरु दलाई लामा अब जेड श्रेणी के सुरक्षा घेरे में रहेंगे। केंद्र सरकार ने उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश जारी किया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने दलाई लामा पर खतरे की खुफिया रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा को बढ़ाने का फैसला किया है। जेड श्रेणी के तहत दलाई लामा की सुरक्षा में कुल 33 सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे, जिनमें 12 कमांडो और 6 पीएसओ शामिल हैं। इन सुरक्षाकर्मियों में 10 आर्म्ड स्टैटिक गार्ड भी होंगे, जो दलाई लामा के हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में मैक्लोडगंज स्थित आवास पर मौजूद रहेंगे।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>The Home Ministry has granted Z-category security to Tibetan spiritual leader Dalai Lama based on an IB threat report. The MHA has provided VIP security, ensuring Z-category protection for the Dalai Lama across India: Sources <a href=”https://t.co/bMeGR8311V”>pic.twitter.com/bMeGR8311V</a></p>&mdash; IANS (@ians_india) <a href=”https://twitter.com/ians_india/status/1889992645055066203?ref_src=twsrc%5Etfw”>February 13, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

इस तरह से दलाई लामा 24 घंटे कड़े सुरक्षा घेरे में रहेंगे। दलाई लामा को साल 1940 में तिब्बत की राजधानी ल्हासा में 14वें दलाई लामा के रूप में मान्यता दी गई थी। शांति और अहिंसा के प्रयासों के लिए दलाई लामा को 1989 में शांति के नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। साल 1950 में चीन ने तिब्बत पर हमला कर कब्जा कर लिया था। इसके बाद 1959 में चीन के खिलाफ तिब्बतियों ने विद्रोह किया लेकिन वो असफल हो गया। इसके बाद दलाई लामा और उनके साथ बहुत बड़ी संख्या में तिब्बती नागरिक अपना देश छोड़कर भारत आ गए और यहां शरण ले ली।

भारत सरकार ने तिब्तियों को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित मैक्लोडगंज में रहने के लिए जमीन दी। तब से दलाई लामा वहीं रहते हैं। मैक्लोडगंज से ही तिब्बती निर्वासित सरकार भी चलाते हैं। चीन हमेशा से ही दलाई लामा का कट्टर विरोधी रहा है। मगर दलाई लामा के शांति प्रयासों को दुनिया के कई देशों में सराहा गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी दलाई लामा के प्रशंसक हैं। पिछले साल चीन के विरोध के बावजूद अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने मैक्लोडगंज जाकर दलाई लामा से मुलाकात की थी।

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