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Shri Ram Darbar In Ayodhya : अयोध्या में अब श्रीराम दरबार के भी होंगे दर्शन, जयपुर से पहुंच रही हैं मूर्तियां

Shri Ram Darbar In Ayodhya : श्रीराम दरबार में भगवान श्रीराम और माता सीता सिंहासन पर विराजमान होंगे। जबकि हनुमान जी और लक्ष्मण भगवान सिंहासन के आगे बैठी हुई मुद्रा में होंगे। वहीं भरत और शत्रुघ्न सिंहासन के पीछे खड़े हुए मुद्रा में होंगे। मंदिर परिसर में चारों दिशाओं में चार भव्य प्रवेश द्वारों का निर्माण कार्य भी तेजी से पूरा किया जा रहा है।

नई दिल्ली। अयोध्या में अब रामलला के साथ अब जल्द ही राजा राम के भी दर्शन होंगे। मंदिर के प्रथम तल पर श्रीराम दरबार सजने जा रहा है। यहां भगवान श्रीराम, माता सीता, भगवान लक्ष्मण और बजरंग बली मूतियां स्थापित होंगी। ये सभी मूतियां 21 मई को जयपुर से रवाना की जाएंगी और 22 मई को अयोध्या पहुंचेंगी। 23 मई को राम दरबार को विधिवत तौर पर मंदिर के प्रथम तल पर विराजमान किया जाएगा। हालांकि भरत और शत्रुघ्न की मूर्तियों को कुछ दिन बाद स्थापित किया जाएगा। सभी भगवान की मूर्तियों को सफेद संगमरमर पर तराशा गया है।

वहीं गंगा दशहरा के पावन अवसर पर आगामी 5 जून 2025 को राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य अनुष्ठान आयोजित किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। वैदिक मंत्रोच्चारण और परंपरागत विधियों के साथ इस अनुष्ठान को संपन्न किया जाएगा। इस आयोजन के लिए श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देशभर के विद्वान वैदिक आचार्यों को आमंत्रित किया है। श्रीराम दरबार में भगवान श्रीराम और माता सीता सिंहासन पर विराजमान होंगे। जबकि हनुमान जी और लक्ष्मण भगवान सिंहासन के आगे बैठी हुई मुद्रा में होंगे। वहीं भरत और शत्रुघ्न सिंहासन के पीछे खड़े हुए मुद्रा में होंगे। वहीं मंदिर परिसर में चारों दिशाओं में चार भव्य प्रवेश द्वारों का निर्माण कार्य भी तेजी से पूरा किया जा रहा है।

दक्षिण दिशा का प्रवेश में लगभग 40 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। प्रवेश द्वारों का निर्माण लाल बलुआ पत्थरों से किया जा रहा है। प्रवेश द्वारों पर हाथी, घोड़े, शेर और फूलों आकृतियों की सुंदर नक्काशी की जा रही है। जल्द ही पश्चिम दिशा में के प्रवेश का निर्माण कार्य भी आरंभ होगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने इससे पहले बताया था मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि, श्री वशिष्ठ जी, विश्वामित्र जी, अहिल्या जी, निषादराज महाराज, शबरी माता और अगस्त्य मुनि की मूर्तियां स्थापित हो गई हैं। ये मंदिर भी 5 जून के बाद जनता के लिए खोल दिए जाएंगे।

 

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