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Opinion Poll: किसके सिर बंधेगा ‘मुख्यमंत्री’ का सहेरा, CM योगी, अखिलेश यादव या फिर कोई और…! जानें जनता का मिजाज  

नई दिल्ली। पता नहीं क्यों जब कभी-भी चुनाव देश के सबसे बड़े सूबों की फेहरिस्त में शुमार उत्तर प्रदेश में होते हैं, तो लोगों के जेहन में प्रदेश की सियासी गतिविधियों के बारे में जानने की आतुरता अपने चरम पर पहुंच जाती है। लोग प्रदेश की हर छोटी-बड़ी गतिविधियों के बारे में जानने के लिए बेताब हो जाते हैं। किस नेता ने क्या बयान दिए, कब दिए, क्यों दिए, कैसे दिए, किस पर दे दिए, मतलब लोग सब कुछ जानना चाहते हैं। अब जब सूबे में चुनावी बिगुल बज ही चुका है, तो आप अंदाजा लगा ही सकते हैं कि लोगों की बेताबी किस कदर अपने उफान पर पहुंच गई होगी। सात चरणों में सूबे में चुनाव होने हैं। सियासी गलियारों में सियासी सूरमाओं की आमद लगातार बढ़ रही है, लेकिन इन सबसे पहले ये जानने के लिए बेताब हैं कि आखिर सूबे में किसकी सरकार बनने जा रही है।

आखिर कौन बनने जा रहा सूबे का मुखिया। अब बिना चुनावी नतीजों के बारे में इन सभी गंभीर मसलों पर टिप्पणी करना मुनासिब नहीं रहता, लेकिन चुनाव से पहले हमेशा से जनता के विचारों की एक पटोली बाहर निकलकर सामने आती है, जिसमें लोगों की राय का एक बड़ा संग्रहण रहता है, जिसमें लोग अपनी राय जाहिर करते हुए नजर आते हैं कि सूबे में इस बार किसकी सरकार बनने जा रही है, जिसें हम ओपिनियन पोल के नाम से जानते हैं। चुनावी मौसम के दौरान मुख्तलिफ मीडिया संस्थान जनता के बीच में जाकर उनकी राय को अपनी पोटली में रखरक जनता के बीच में ओपिनियन पोल के नाम से पेश करते हैं। इसी बीच जी न्यूज का ओपिनियन पोल सामने आया है, जिसमें आगामी उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर जनता के मिजाज को पेश कर यह बताने का प्रयास किया कि इस बार सूबे में किसकी सरकार बनने जा रही है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सियासी परिदृश्य

वहीं जी न्यूज के ओपिनियन पोल के मुताबिक, अगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सियासी परिदृश्य की बात करें, तो बीजेपी के खाते में 33 से 37 सीटें जा सकती हैं। उधर, समाजवादी पार्टी भी बीजेपी को कांटे की टक्कर देते हुए दिखाई देती हुई नजर आ रही है। सपा के खाते में 33 से 37 सीटें जाती हुई नजर आ रही है। बीएसपी के खाते में इस क्षेत्र से महज 2 से 4 सीटें ही जाती हुई दिख रही है।


उधर, कांग्रेस की दुर्गति का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि इस क्षेत्र से पार्टी अपना खाता भी नहीं खोलने की स्थिति में नजर आ रही है, जबकि अन्य दल की हालत भी कुछ ऐसी ही नजर आ रही है। उधर, अगर इस क्षेत्र से विगत 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान विभिन्न सियासी दलों की स्थिति की बात करें, तो विगत चुनाव में बीजेपी के खाते में 52 सीटें गई थी। सपा के खाते में 15 सीटें गई थी। कांग्रेस को महज 2 सीटों से संतुष्टि करनी पड़ी थी। बीएसपी के खाते में भी महज 1 ही सीट आई थी।

पूर्वांचल का सियासी परिदृश्य

वहीं, पूर्वांचल में बीजेपी की सियासी स्थिति अन्य किसी भी सियासी दलों की तुनला में काफी दुरूस्त मानी जा रही है। जी न्यूज के ओपिनियन पोल के मुताबिक, बीजेपी के खाते में 53 से 59 सीटें जाती हुई नजर आ रही है।

समाजवादी पार्टी के खाते में 39 से 45 सीटें जाती हुई नजर आ रही है। बीएसपी के खाते में 2 से 5 सीटें जाती हुई नजर आ रही है। कांग्रेस के खाते में भी महज 1 से 2 सीटें ही जाती हुई नजर आ रही है। इस क्षेत्र से अन्य दलों के खाते में महज 1 सीट ही जाती हुई नजर आ रही है।

मध्य यूपी में विभिन्न सियासी दलों की स्थिति

इसके साथ ही अगर मध्य यूपी में विभिन्न सियासी दलों की सियासी स्थिति की बात करें, तो बीजेपी के खाते में 45 फीसद सीट जाती हुई नजर आ रही है। सपा के खाते में 32 फीसद सीट जाती हुई नजर आ रही है। बीएसपी के खाते में 8 फीसद सीट जाती हुई नजर आ रही है। कांग्रेस के खाते में महज 6 फीसद सीट जाती हुई नजर आ रही है। जबकि अन्य के खातों में महज 9 फीसद वोट जाती हुई नजर आ रही है। इन सभी स्थितियों पर गौर फरमाने के आधार पर इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी की स्थिति अन्य सियासी दलों की तुनला में ज्यादा मजबूत नजर आ रही है। अब ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि सत्ता का ऊंट किस करवट बैठता है।

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