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संसद में सार्थक चर्चा की जगह हंगामे पर आमादा विपक्ष, PM मोदी समेत कई मंत्रियों ने लोकतंत्र के मखौल पर जताई चिंता

PM Modi

नई दिल्ली। सर्वदलीय बैठक में रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के नेताओं से कहा था कि सरकार हर मुद्दे पर सार्थक चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन सोमवार को संसद का मॉनसून सत्र शुरू होते ही लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष लोकतंत्र का मखौल उड़ाने पर आमादा हो गया। नारेबाजी के साथ विपक्ष के सदस्य वेल में आ गए। नतीजे में दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। पीएम मोदी और उनके कई मंत्रियों ने चिंता जताते हुए विपक्ष के इस रवैये की निंदा की है। लोकसभा में सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर ओम बिरला ने नए मंत्रियों का परिचय कराने के लिए पीएम मोदी को कहा। बस इतना सुनते ही सारी परंपरा को ताक पर रखकर विपक्ष के सदस्य हंगामा बरपाने लगे। कांग्रेस के सांसद महंगाई और अकाली व बसपा के सांसद किसानों के मुद्दे पर वेल में आ गए। मोदी अपने मंत्रियों का परिचय नहीं करा सके। हंगामे के कारण स्पीकर ने कोरोना के दौरान जिन सांसदों का निधन हुआ, उनकी जानकारी देनी शुरू की। फिर भी हंगामा न थमने पर सदन को दोपहर 2 बजे तक स्थगित करना पड़ा।

उधर, राज्यसभा में भी विपक्षी सांसदों ने हंगामा बरपा दिया। यहां भी पीएम मोदी अपने मंत्रियों का परिचय नहीं करा सके। सभापति ने सदन को दोपहर 12:24 तक स्थगित कर दिया। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी हंगामा होता रहा। जिसके बाद राज्यसभा को भी दोपहर 2 बजे तक स्थगित करना पड़ा।

विपक्ष के इस लोकतंत्र विरोधी व्यवहार पर पीएम मोदी और उनके कई वरिष्ठ मंत्रियों ने निंदा करते हुए चिंता जताई है। मोदी ने कहा कि मुझे लगा था कि आज उत्साह का दिन होगा, लेकिन दलित, महिलाओं और ओबीसी के लोगों को मंत्री बनाए जाने की बात विपक्ष को हजम नहीं हो रही है। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अपने पूरे राजनीतिक जीवन में उन्होंने इस तरह का निंदनीय व्यवहार कभी नहीं देखा। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पीएम नए सदस्यों के परिचय की परंपरा का निर्वाह कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने हंगामा किया। उन्होंने भी विपक्ष के तौर-तरीकों की निंदा की।

राज्यसभा में सत्तापक्ष के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जिस तरह हंगामा बरपा है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के इस व्यवहार से देश की आशा और आकांक्षा पर कुठाराघात हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह बहुत निंदनीय है कि प्रधानमंत्री को सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा है। गोयल के इस बयान के बाद सभापति ने सदस्यों को शांत करने की काफी कोशिश की, लेकिन विपक्ष के सदस्य अपनी जगह अड़े रहे।

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